मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहीद पुलिस जवानों को किया याद, बोले- 'कोरोना काल में जान की बाजी लगाकर...'
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सड़कों पर जान की बाजी लगाकर खाकी वर्दी तैनात रही है. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव सोमवार सुबह पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन उज्जैन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
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View In Appमुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को देश की आंतरिक सुरक्षा, एकता, अखंडता के लिये अपने प्राणों की आहुति देकर कर्त्तव्यपरायणता का अनूठा उदाहरण देने वाले शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है.
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि कोरोना काल के कठिन समय में कर्त्तव्य की वेदी पर पुलिस के जवान मुस्तैदी से तैनात रहे. कोरोना काल में पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों व सफाईकर्मियों के उत्कृष्ट कार्य से देश की आबादी सुरक्षित रही.
कार्यक्रम में आईजी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस हमें उन वीर पुलिसकर्मियों की याद दिलाता है, जिन्होंने समाज और देश की रक्षार्थ प्राण न्यौछावर किये हैं.
आज से 65 वर्ष पूर्व 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के बर्फीले क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन की सशस्त्र सेना के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पेट्रोलिंग पार्टी के 10 जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था, तब से प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारवालों को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मी लाल बहादुर सिंह की पत्नी रंजना सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक मदद मिल रही है.
सेना में शहीद हुए स्वर्गीय बलराम जोशी के परिवार वालों को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. उन्होंने भी सरकारी मदद को लेकर संतोष जताया.
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