CM मोहन ने उज्जैन में 'ओपेन जेल' का किया उद्घाटन, जानें क्या है यहां रहने का नियम?
मध्य प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक शहरों के बाद अब उज्जैन में भी ओपेन जेल शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शनिवार को ओपेन जेल का उद्घाटन किया है. इस ओपेन जेल में 20 कैदी परिवार सहित रह सकेंगे. ओपेन जेल में रहने के लिए जेल मैनुअल के अनुसार बंदियों का चयन किया जाता है.
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View In Appमध्य प्रदेश के जेल विभाग के डीजी जीपी सिंह एबीपी न्यूज़ से बताया कि मध्य प्रदेश में सात जगहों पर पहले ही ओपेन जेल चल रही है. इसके बाद अब उज्जैन में भी ओपेन जेल शुरू हो गई है.
मुख्यमंत्री और जेल विभाग के मंत्री डॉ मोहन यादव ने इसका औपचारिक शुभारंभ कर दिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जेल विभाग के अधिकारियों से ओपेन जेल को लेकर जानकारी भी हासिल की.
सीएम मोहन ने कहा कि ओपेन जेल के माध्यम से कैदी समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे और जेल से बाहर आने से पहले उनका समाजीकरण भी हो जाएगा. उज्जैन में सवा तीन करोड़ रुपये की लागत से 20 फ्लैट की ओपेन जेल बनाई गई है, जिसमें 20 कैदी परिवार सहित रह सकेंगे. मोहन यादव ने जेल की एंबुलेंस का भी हरी झंडी दिखाकर औपचारिक उद्घाटन किया.
जेल विभाग के डीजी जीपी सिंह ने बताया कि अभी मध्य प्रदेश में 120 फ्लैट की खुली जेल चल रही थी. उज्जैन में 20 फ्लैट की खुली जेल बनने के बाद अब 140 फ्लैट की खुली जेल हो गई है, जिनमें 150 के लगभग कैदी परिवार सहित रहेंगे.
उन्होंने बताया कि कई मामलों में सगे भाई और अन्य रिश्तेदार आरोपी है. उन्हें एक ही फ्लैट में रहने में कोई आपत्ति नहीं है. डीजी ने बताया कि ऐसे मामले गंभीर मामलों में जेल की सजा काट रहे बंदियों को ओपेन जेल में रखा जाता है जो अपनी सजा के अंतिम सालों में चल रहे हैं.
उदाहरण के लिए यदि किसी को 14 साल की सजा हुई है और वह 13 साल की सजा पूरी कर चुका है, तो उसे परिवार सहित खुली जेल में रहने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, इसके लिए कई और नियम, कैदी का चाल-चलन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाता है.
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