MP News: डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह, पारंपरिक वेशभूषा में छात्रों ने ली उपाधि
कोरोना के कारण पिछले दो साल से विवि में दीक्षांत समारोह नहीं हुए. अब इसका आयोजन किया जा रहा है. एमपी की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर का 30वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. सभी विद्यार्थी बुंदेली वेशभूषा में पगड़ी-कुर्ता में डिग्री लेते नजर आए.
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View In Appदीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार अन्नपूर्णा देवी थीं. विशिष्ट अतिथि प्रख्यात कलाकार और नई दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने ऑनलाइन माध्यम से दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण, कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने वीडियो संदेश के माध्यम से इसे संबोधित किया.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर बलवंतराय शांतिलाल जानी ने की. अतिथियों द्वारा डॉ. गौर और ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
समारोह की मुख्य अतिथि केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार अन्नपूर्णा देवी ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि आज मानव सभ्यता अपने जिस पड़ाव पर है खासकर हम इसके पिछले कई सालों की प्रगति को देखें तो हमें विश्वविद्यालयों का अहम योगदान दिखाई देता है.
इन वर्षों में कला, साहित्य, ज्ञान और राजनीति से लेकर अर्थशास्त्र, दर्शन और शासन के क्षेत्र में मानवता को जितना भी ज्ञान प्राप्त हुआ है. जितने भी दर्शन और सिद्धांत मिले हैं वह सभी प्रायः विश्वविद्यालय से ही सम्बद्ध रहे हैं. इसीलिये भारत सरकार शिक्षा के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कार्ययोजना पर गंभीरता से काम कर रही है.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा को विस्तारपूर्वक बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के संकल्पों और आदर्शों पर चलकर यह विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है. विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है. विज्ञान और समाज विज्ञान के शिक्षकों को कई शोध परियोजनाएं अनुदान प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गईं हैं. शिक्षकों और शोधार्थियों ने कई अवार्ड हासिल किये हैं.
समारोह में विश्वविद्यालय ध्वज के साथ दीक्षांत शोभायात्रा का स्वर्ण जयन्ती सभागार में आगमन हुआ. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर बलवंत शांतिलाल जानी, कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय कार्यपरिषद और विद्यापरिषद् के माननीय सदस्य इस शोभायात्रा में सम्मिलित हुए. शोभायात्रा में कुलसचिव संतोष सोहगौरा ध्वजवाहक रहे.
दीक्षांत समारोह में शामिल सभी 11 अध्ययनशालाओं के यूजी, पीजी और पी-एचडी के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त पंजीकृत विद्यार्थियों को उनकी अनुपस्थिति में भी डिग्री प्रदान की गई.
विभिन पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि ने मेडल भी प्रदान किये. समारोह में समस्त विद्यार्थियों ने बुन्देली पारंपरिक वेश-भूषा में उपस्थित रहकर उपाधियां प्राप्त कीं.
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