In Pic: भगवान महाकाल की नगरी में हनुमान अष्टमी का पर्व, जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा
भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान पवन पुत्र के भक्त 108 मंदिरों की यात्रा कर हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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View In Appमंदिर के पुजारी और साधु संत इस यात्रा को लेकर अलग-अलग तथ्य बताते हैं जो कि रोचक होने के साथ-साथ इस यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं.
देशभर में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है, मगर भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
पंडित महेश शर्मा के मुताबिक ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम का अभिषेक करने के लिए जब सभी पवित्र नदियों का जल हनुमान ले जा रहे थे उस समय वह उज्जैन भी आए थे. यह दिन हनुमान अष्टमी का था.
इसके अलावा पंडित राजेश गुरु बताते हैं कि पवन पुत्र हनुमान ने अपने प्रिय भक्त से यह वादा किया था कि वह हनुमान अष्टमी को उज्जैन में ही विराजमान रहेंगे. इसी के चलते 108 हनुमान मंदिर की यात्रा भक्ति करते हैं.
जो श्रद्धालु 108 हनुमान मंदिर की यात्रा करते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है और भगवान हनुमान हमेशा उनकी रक्षा करते हैं.
राम भक्त हनुमान की आराधना और 108 हनुमान मंदिर की यात्रा करने वाले श्रद्धालु ओम सिंह ने बताया कि उज्जैन में एक हनुमान भक्त द्वारा बार-बार रामायण का पाठ कर हनुमान को प्रसन्न किया गया था.
पवन पुत्र जब वेश बदलकर भक्त के पास पहुंचे तो भक्त ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और पाठ करते रहे. इसके बाद जब भक्त और भगवान के बीच वार्तालाप हुआ तो वेज बदलकर राय पवन पुत्र ने कहा कि वह बड़ी दूर से आए हैं.पवन पुत्र जब वेश बदलकर भक्त के पास पहुंचे तो भक्त ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और पाठ करते रहे. इसके बाद जब भक्त और भगवान के बीच वार्तालाप हुआ तो वेज बदलकर राय पवन पुत्र ने कहा कि वह बड़ी दूर से आए हैं.
इस पर भक्त ने कहा कि आज रात यहीं रुक जाइए और फिर हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ करने लग गया, जिसकी वजह से भगवान को मजबूर होकर यहां रुकना पड़ा. तभी से यह कहा जाता है कि हनुमान अष्टमी पर पवन पुत्र उज्जैन आते हैं और यहीं पर रात्रि विश्राम करते हैं.
हनुमान मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से 108 जप का महत्व है. इस तरह मोतियों की माला में भी 108 मनके रहते हैं.
इसी तरह 108 मंदिरों का भी काफी महत्व है. उज्जैन के अंदर 108 से भी ज्यादा प्राचीन हनुमान मंदिर है. उनकी यात्रा और दर्शन से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
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