Orcha Ram Temple: वो मंदिर जहां राजा के रूप में पूजे जाते हैं श्रीराम, पुलिस देती है रोज सलामी, जानिए इसका रोचक इतिहास
Orcha Ram Temple: हमारे देश में भगवान राम के कई प्राचीन और भव्य मंदिर है. वहीं ओरछा का राजा राम मंदिर भी विश्वभर में काफी प्रसिद्ध है. जिसकी कहानी भी काफी रोचक है. कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान राम महारानी की जिद के आगे झुककर पहुंचे थे. जिसके बाद से यहां पर भगवान राम की पूजा की जाने लगी. चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास और रोचक बातें.....
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View In Appओरछा के इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित है. इनमें से एक कहानी ये है कि एक बार भगवान राम ने ओरछा के राजा मधुकरशाह को सपना में दर्शन दिए थे. जिसके बाद वो राजा भगवान श्रीराम के आदेश पर अयोध्या से उनकी प्रतिमा लाए थे. वहीं राजा ने मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने से पहले एक जगह पर रखा था और जब प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त मूर्ति को वहां से हटाया जाने लगा तो वो ऐसा नहीं कर पाए, तभी राजा को गवान का निर्देश याद आया कि वो जिस स्थान पर विराजमान हो जाएंगे वहां से हटाए नहीं जाएंगे. यही वजह है कि रामलला सरकार महल में विराजे हैं.
ये देश का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं. इसके अलावा एमपी पुलिस सुबह और शाम यहां पर बंदूकों से सलामी देती है. यही वजह है कि इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान राम का सम्मान देखने भक्त आते हैं.
वहीं मंदिर की एक कथा ये भी है कि एकबार यहां के राजा मधुकरशाह ने अपनी पत्नी गणेशकुंवरी से वृंदावन चलने के लिए कहा था. लेकिन रानी हर वक्त भगवान राम की भक्ति करती रहती रहती थी. इसलिए उन्होंने महाराज के साथ जाने से इनकार कर दिया.
वहीं महारानी के इनकार पर राजा ने उन्हें गुस्से में कहा कि, अगर तुम इतनी ही बड़ी रामभक्त हो तो अपने राम को ओरछा में लाकर दिखाओ. राजा की बात सुनकर रानी ने अयोध्या के सरयू तट पर साधना शुरु की. जहां उन्हें संत तुलसीदास का आशीर्वाद भी मिला.
वहीं जब रानी की कई महीनों की तपस्या के बाद जब राम जी ने उन्हें दर्शन नहीं दिए तो वो हताश होकर नदी में कूद गई. जिसके बाद उन्हें रामजी के दर्शन हुए. इस दौरान रानी ने भगवान राम से ओरछा चलने का निवेदन किया. लेकिन रानी की बात सुनकर भगवान राम ने उनके सामने एक शर्त रखी. भगवान राम ने कहा कि, वो ओरछा तभी जाएंगे जब वहां सत्ता और राजशाही होगी. इसी के बाद महाराजा मधुकरशाह ने ओरछा में रामराज की स्थापना की जो आज भी मौजूद है.
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