शिप्रा नदी में बाढ़, महाकाल के भक्तों की चिंता- कहां होगा पालकी का पूजन? कलेक्टर ने बताया
शिप्रा नदी के रामघाट पर तीन से चार फीट पानी ऊपर बह रहा है. आज जन्माष्टमी के साथ-साथ भादो मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की पहली सवारी का भी दिन है.
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View In Appऐसी स्थिति में सवारी के शिप्रा तट पर पूजन को लेकर चिंतन मनन चल रहा है. रामघाट के पंडित जगदीश गुरु के मुताबिक उज्जैन और इंदौर में जिस प्रकार से वर्षा हो रही है उसे देखकर अभी शिप्रा नदी का जलस्तर उतरने की फिलहाल संभावना दिखाई नहीं दे रही है.
ऐसी स्थिति में भादो मास के पहले सोमवार निकलने वाली सवारी का पूजन रामघाट के पहले ही करना पड़ेगा. दूसरी तरफ उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक सवारी का पूजन कहां किया जाएगा ? इसका निर्णय दोपहर 2:00 तक लिया जाएगा. जिला प्रशासन और महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा 2:00 बजे तक बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार किया जाएगा.
जब सावन और भादो मास में भगवान महाकाल की सवारी निकलती है, तो प्रत्येक सोमवार को सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए रामघाट पर पहुंचती है.
रामघाट पर शिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाता है. इसके बाद फिर सवारी गोपाल मंदिर होते हुए परंपरागत मार्ग से महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है.
जब शिप्रा नदी में बाढ़ आई होती है, उस समय सवारी को किनारे पर ही पूजा दर्शन कर वापस मंदिर के लिए रवाना किया जाता है. इस बार यह पहला मौका है जब बाढ़ के कारण रामघाट पर सवारी के पहुंचने की संभावनाओं को लेकर मंथन चल रहा है.
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