Kaal Bhairav Sawari: उज्जैन में नगर भ्रमण पर निकले बाबा काल भैरव, दिया गया 'गार्ड ऑफ ऑनर', भक्तों का उमड़ा हुजूम
एक साल में दो बार बाबा काल भैरव की सवारी निकाली जाती है. इस मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा पलक पावड़े बिछाकर उनका स्वागत किया जाता है. इसके पीछे कई प्राचीन धार्मिक परंपराएं शामिल है.
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View In Appउज्जैन में डोल ग्यारस के अवसर पर बाबा महाकाल के सेनापति काल भैरव मंदिर से बाबा काल भैरव की सवारी धूमधाम से निकली गई. सवारी निकलने के पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा ने बाबा काल भैरव की प्रतिमा का पूजन आरती कर सवारी का विधिवत पूजन किया गया. भगवान कालभैरव का पूजन कर पगड़ी धारण कराई गई.
प्रसिद्ध श्री कालभैरव मंदिर से परंपरानुसार डोल ग्यारस पर बाबा काल भैरव की सवारी निकाली जाती है. भगवान कालभैरव पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करते है. इस दौरान भक्तों द्वारा भगवान कालभैरव से सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है.
सवारी प्रारंभ होने के पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा ने बाबा कालभैरव का पूजन किया. सवारी के मुख्य गेट से बाहर आने पर सशस्त्र पुलिस जवानों द्वारा सलामी दी गई.
सवारी के साथ पुलिस बल के सशस्त्र जवान, बैंड, ढोल, ध्वज, घोड़े, बग्घी के साथ ही बड़ी संख्या में भक्त भी शामिल थे. सवारी श्री कालभैरव मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर जेल चौराहा से प्रमुख बाजार होते हुए नाका चौराहा, माणक चौक, सिद्धवट मंदिर, बृजपुरा से पुन: जेल चौराहा होकर वापस श्री काल भैरव मंदिर पहुंची.
काल भैरव मंदिर से सवारी प्रारंभ होकर केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पहुंची. यहां पर जेल प्रशासन द्वारा भगवान काल भैरव की अगवानी के लिए साज-सज्जा की गई थी. इस दौरान जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा पालकी में विराजित बाबा काल भैरव का पूजन कर आरती की गई.
वहीं जेल गेट पर पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया. जेल के अंदर से ही बड़ी संख्या में कैदियों ने भी काल भैरव के दर्शन किए.
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