महाकालेश्वर मंदिर का सबसे बड़ा खुलासा, एक महीने में 3 करोड़ 80 लाख का चूना लगाया, दो और कर्मचारी गिरफ्तार
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हर साल 100 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होती है. यह आमदनी श्रद्धालुओं के शीघ्र दर्शन, लड्डू प्रसाद, अभिषेक और दानदाताओं द्वारा दी जाने वाली राशि से प्राप्त होती है. महाकालेश्वर मंदिर समिति इस राशि का उपयोग मंदिर के विकास और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में करती है.
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View In Appमहाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक, मंदिर में पिछले कुछ दिनों से लगातार आमदनी घट रही थी. इस मामले में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि कुछ कर्मचारी और पुरोहितों द्वारा अवैध रूप से राशि ली जा रही है.
उन्होंने बताया कि मंदिर की में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के मुताबिक आय का आकलन किया जाए तो लगभग तीन करोड़ 80 लाख रुपये की आमदनी कम हुई है. महाकाल थाने में इस मामले में गुरुवार को एक एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिसमें पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया गया है.
अब एक और मुकदमा दर्ज होने वाला है. इसमें महाकालेश्वर मंदिर के दो कर्मचारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव पर नामजद शिकायत दर्ज कराई जा रही है. कलेक्टर ने बताया कि दोनों कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त की जा रही है.
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए दोनों कर्मचारी राकेश और विनोद के खाते में लाखों रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन मिला है जो कि श्रद्धालुओं से लिया गया है. इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा अलग से जांच कराई जा रही है. दोनों कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया है.
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के मुताबिक, दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में शिकायत दर्ज होगी. महाकालेश्वर मंदिर के पूर्व प्रशासक ने श्रद्धालुओं से रुपये लेकर उन्हें सुविधा मुहैया करने के मामले में कहा था कि मंदिर में प्रतिदिन लगभग 20 लाख रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा था.
इसे उनके द्वारा कई प्रकार के उपाय का रोका गया. अब यह मामला सामने आने के बाद स्पष्ट हो जाता है कि मंदिर में लाखों रुपये रोज का भ्रष्टाचार किया जा रहा था. इसी वजह से शायद मंदिर की आमदनी में कटौती हुई.
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