In Pics: वर्ल्ड पोहा डे पर जानें इंदौर में टेस्टी पोहा मिलने की बेस्ट जगह, फूड लवर के लिए क्यों है खास?
आप इंदौर जाएं और वहां का पोहा न खाएं ये हो ही नहीं सकता. पोहा दूसरे मायनों में इंदौर का गहना है, आभूषण है, शान है, गर्व है और इंदौर की असली पहचान है. दरअसल पोहा एक ऐसा लजीज व्यंजन है जो देश के शाकाहारी पसंद लोगों में हमेशा लोकप्रिय रहा है. यह एक ऐसा व्यंजन है जो इंदौरियों को एक जाजम पर खड़ा करता है.
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View In Appमान लीजिए कि आप कभी इंदौर गए और वहां से लौटे, तो आपके लौटने पर लोगों का पहला सवाल यह होगा कि क्या आपने इंदौरी नाश्ता किया? भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में इंदौर काफी मशहूर है, ठीक उसी तरह पोहा और जलेबी इंदौर की पाक कला की अमिट पहचान का पर्याय बन गया है. 2016 में पहली बार स्वच्छता सर्वेक्षण किए जाने के बाद से इंदौर को लगातार 7 वर्षों तक स्वच्छ सर्वेक्षण रेटिंग के तहत भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना जा रहा है.
इंदौर के स्ट्रीट फूड सीन को एक्सप्लोर करना पोहा ने और भी आसान बना दिया है. आलम यह है की अब इंदौर के हर दूसरे घर में सप्ताह में कम से कम एक बार इंदौरी पोहा परोसा जाता है. मतलब पोहे के बिना संडे अधूरा सा ही लगता है. उस पर जलेबी पोहे पर चेरी की तरह परोसी जाती है और यही शहर में पोहा के स्वाद को एकदम अलग बनाती है.
वैसे तो भारत में इंदौरी पोहा काफी लोकप्रिय है. इंदौर की पाक विरासत शहर के बड़े मारवाड़ी और महाराष्ट्रीयन समाज में ज्यादा लोकप्रिय है. इंदौर में लगभग हर इंदौरी पोहा खाने का शौकीन है और यहां के पोहा जलेबी के जायके का जवाब नहीं है.
आपको नाश्ते की दुकानों पर पोहा के ऊंचे ऊंचे ढेर मिलेंगे. जहां इनसे भाप निकलती हुई मिलेगी, इस पर बारीक कटा हुआ प्याज, सेव डाला जाता है और कुरकुरी-गरमागरम जलेबियों के साथ परोसा जाता है. इंदौर में धुंध भरी सुबह में यह पोहा और जलेबी का कॉम्बिनेशन खास सुकून देने वाला होता है. ख़ास आपके लिए हमने क्लासिक इंदौरी पोहा जलेबी का बेस्ट कॉम्बिनेशन खोजा और कुछ पसंदीदा जगहों को चुना जहां आप पोहे का स्वाद बेहिचक ले सकते हैं.
प्रशांत के पोहे: इंदौर में पोहा यूं तो कई साल पुराना है पर यहां पोहे की पहले दुकान राजवाड़ा पर प्रशांत नाश्ता सेंटर है. दुकान संचालक प्रशांत जोशी ने बताया कि चाचा पुरुषोत्तम जोशी और पिता अन्ना जोशी द्वारा साल 1949 में यही राजवाड़ा पैलेस के नजदीक दुकान की शुरुआत की गई थी. महाराष्ट्र के रत्नागिरी के रहने वाले जोशी परिवार ने इंदौर में डेरा डाला. यहां आकर उन्होंने पोहा बनाना शुरू किया. पहले प्रशांत के पिता दत्तात्रेय जोशी ने पोहे की दुकान चलाई और पोहे में नए प्रयोग शुरू किए. इस दुकान पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, स्वर कोकिला लता मंगेशकर और सोनू निगम जैसे बड़े सेलिब्रिटी और नेता आ चुके हैं.
गोराकुंड पर हेड साहब के पोहे: इसकी शुरुआत एक पूर्व हेड कांस्टेबल ने की थी. यहां के परतदार उसल पोहा की बात ही निराली है. जिसमें पोहा बेस के तौर पर और उसमें उसल की परत, पनीर और फिर सेव के साथ क्रीम होती है.
मधुरम स्वीट्स- 56 दुकान: इंदौर में 1980 के दशक में इस दुकान की शुरुआत हुई थी. मशहूर मधुरम स्वीट्स जलेबी के साथ पोहा खाने के लिए बेहतरीन विकल्प है. यह मशहूर मिठाई की दुकान अपने बाहुबली सैंडविच के लिए भी फेमस है. आपको यहां आने पर शिकंजी भी आजमाना चाहिए. जिसमें रबड़ी और सूखे मेवों से भरा दूध मिलता है.
अनंतानंद: अनंतनाद सिर्फ़ बेहतरीन पोहा ही नहीं परोसता, बल्कि यह अपने तीखे उसल पोहे के लिए भी मशहूर है. पर हां ये कम तीखा खाने वालों या कमजोर दिल वालों के लिए बिल्कुल नहीं है. अगर आपको मसालेदार खाना पसंद है, तो आप यहां उसल पोहा खा सकते हैं जिसमें मूंग दाल का स्वाद भी है.
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