In Pics: मुंबई में उद्धव ठाकरे से मिले दिल्ली के CM केजरीवाल, जानें क्या हुई बात?
बीते दिनों देश की सर्वोच्च न्यायलय ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर- पोस्टिंग मामले में दिल्ली आम आदमी पार्टी शासित सरकार के हक में फैसला दिया था. 19 मई को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की सरकार ने एक अध्यादेश के जरिये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पलट दिया.
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View In Appकेंद्र के इस फैसले से नाराज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोर्चा खोल दिया है. अध्यादेश के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए वे लगातार विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार (24 मई) को सीएम केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने उनके घर मातोश्री पहुंचे.
इससे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवा बिहार के सीएम नीतिश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर चुके हैं.
शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान आप के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे. इनमें पंजाब के सीएम भगवंत मान, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा, सांसद संजय सिंह के अलावा शिवसेना के दूसरे प्रमुख नेता भी शामिल रहे.
इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'सेलेक्टेड' गवर्नर चुनी हुई सरकारों की ताकतें छीन रहे हैं. अगर ये 2024 में आ गए तो संविधान खत्म कर देंगे. वहीं दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता की लड़ाई में उद्धव ठाकरे और शिव सेना ने साथ देने का फैसला किया है. उन्होंने संबंधित अध्यादेश के संबंध में दावा किया कि अगर ये बिल राज्यसभा में गिर जाता है तो 2024 में मोदी सरकार वापस नहीं आएगी.
मीटिंग के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें 'विपक्षी' दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) 'विपक्षी' कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.
दरअसल बीते 19 मई को केंद्र सरकार ने एक सुप्रीप कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए, एक अध्यादेश पारित किया है. अध्यादेश के तहत दिल्ली में सेवा दे रहे 'दानिक्स' कैडर के ग्रुप A के अधिकारियों के ट्रांसफर और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित किया गया है. इस प्राधिकरण में तीन सदस्य होंगे. प्राधिकरण का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाया गया है. इस प्राधिकरण को दानिक्स और ग्रुप A के अधिकारियों के ट्रांसफर और नियुक्ति के सभी फैसले लेना का अधिकार तो होगा लेकिन आखिरी फैसला उपराज्यपाल का ही मान्य होगा.
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