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महाराष्ट्र के इस गांव रहते हैं सबसे ज्यादा करोड़पति, जानिए कैसे सूखे की मार झेलकर यह बना सबसे अमीर गांव
Hiware Bazar Village Story: महाराष्ट के हिवरे बाजार गांव में 305 घर है जिसमें से 80 परिवार ऐसे हैं जो करोड़पति है. जानिए कैसे सूखे की मार झेलकर ये गांव बना अमीर....
![Hiware Bazar Village Story: महाराष्ट के हिवरे बाजार गांव में 305 घर है जिसमें से 80 परिवार ऐसे हैं जो करोड़पति है. जानिए कैसे सूखे की मार झेलकर ये गांव बना अमीर....](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/9f102edbedbcc88a7b9d0162731def1f1663909085791276_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जानिए हिवरे बाजार का अनोखी कहानी
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![Hiware Bazar Village: हमारे देश में कई गांव और शहर अपनी खूबसूरती के लिए फेमस है. लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) का हिवरे बाजार (Hiware Bazar) अपनी अमीरी के लिए जाना जाता है. ये गांव अहमदनगर ज़िले में स्थित है. जहां अधिकत्तर लोग अमीर है. चलिए बताते हैं आपको इस गांव की रोचक कहानी....](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/2f0e49a46a8ef5306dc4723d768dd9fb7e05a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Hiware Bazar Village: हमारे देश में कई गांव और शहर अपनी खूबसूरती के लिए फेमस है. लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) का हिवरे बाजार (Hiware Bazar) अपनी अमीरी के लिए जाना जाता है. ये गांव अहमदनगर ज़िले में स्थित है. जहां अधिकत्तर लोग अमीर है. चलिए बताते हैं आपको इस गांव की रोचक कहानी....
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![नाम की तरह हिवरे बाज़ार गांव की कहानी भी बहुत ही अनोखी है. यहां हरियाली और खूबसूरती किसी का भी मन मोह सकती है. इसके अलावा आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस गांव में बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/a9938a1596bfd63e771aa989b545c0044e59c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नाम की तरह हिवरे बाज़ार गांव की कहानी भी बहुत ही अनोखी है. यहां हरियाली और खूबसूरती किसी का भी मन मोह सकती है. इसके अलावा आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस गांव में बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है.
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![वहीं गांव में आपको कहीं भी मच्छर देखने को नहीं मिलेगा. कहते हैं अगर यहां किसी ने मच्छर पकड़ कर दिखा दिया, तो यहां के सरपंच उसे 400 रुपये का ईनाम देंगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/9731a40fd19808ca80e4bc7f06fcc6179497e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं गांव में आपको कहीं भी मच्छर देखने को नहीं मिलेगा. कहते हैं अगर यहां किसी ने मच्छर पकड़ कर दिखा दिया, तो यहां के सरपंच उसे 400 रुपये का ईनाम देंगे.
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![बहुत कम लोग जानते हैं कि आज ये गांव जैसा है हमेशा वैसा नहीं होता था. दरअसल 80-90 के दशक में इस गांव में भयंकर सूखा पड़ा था. हालात इतने खराब थे कि यहां लोगों के पास पीने के लिए पानी तक नहीं था. लोग गांव से पलायन करने लगे थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/d947dd5089da743f2a9fe7e9d39ae3056f264.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बहुत कम लोग जानते हैं कि आज ये गांव जैसा है हमेशा वैसा नहीं होता था. दरअसल 80-90 के दशक में इस गांव में भयंकर सूखा पड़ा था. हालात इतने खराब थे कि यहां लोगों के पास पीने के लिए पानी तक नहीं था. लोग गांव से पलायन करने लगे थे.
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![लेकिन इसी बीच गांव में बचे कुछ लोगों ने गांव की समस्याओं को खत्म करने की ठान ली. जिसके बाद 1990 में ‘ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी’ बनाई गई. जिसके तहत गांव में कुंए खोदने और पेड़ लगाने का काम श्रमदान के ज़रिये शुरू किया गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/1c0f49b763e3b5d5d5f780744d2e8d24b071d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
लेकिन इसी बीच गांव में बचे कुछ लोगों ने गांव की समस्याओं को खत्म करने की ठान ली. जिसके बाद 1990 में ‘ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी’ बनाई गई. जिसके तहत गांव में कुंए खोदने और पेड़ लगाने का काम श्रमदान के ज़रिये शुरू किया गया.
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![इसके बाद सरकार की योजना और आलू-प्याज की ख़ेती यहां लोगों की आय का ज़रिया बन गया. जिससे गांव के हर घर में खुशहाली आ गई. वहीं गांव वालों की मेहनत देखकर सरकार भी इन्हें फंड देने लगी. 1994-95 में सरकार ने ‘आदर्श ग्राम योजना’ शुरू की, जिसने इस कार्य को तेज़ी दे दी. आज इस गांव में 340 कुंए हैं और पानी का स्तर भी काफ़ी बढ़ गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/aa74ce23fa1132c214713216b14a2fdf97567.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके बाद सरकार की योजना और आलू-प्याज की ख़ेती यहां लोगों की आय का ज़रिया बन गया. जिससे गांव के हर घर में खुशहाली आ गई. वहीं गांव वालों की मेहनत देखकर सरकार भी इन्हें फंड देने लगी. 1994-95 में सरकार ने ‘आदर्श ग्राम योजना’ शुरू की, जिसने इस कार्य को तेज़ी दे दी. आज इस गांव में 340 कुंए हैं और पानी का स्तर भी काफ़ी बढ़ गया है.
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![आपको जानकर हैरानी होगी कि, गांव में रहने वाले 305 घरों में से 80 परिवार करोड़पति की श्रेणी में आते हैं. जिनकी सालाना आय 10 लाख़ रुपयों से ज़्यादा है. वहीं गांव में सिर्फ 3 ऐसे परिवार हैं. जिनकी सालाना आय 10 हज़ार से भी कम है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/23/a9938a1596bfd63e771aa989b545c0047df20.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आपको जानकर हैरानी होगी कि, गांव में रहने वाले 305 घरों में से 80 परिवार करोड़पति की श्रेणी में आते हैं. जिनकी सालाना आय 10 लाख़ रुपयों से ज़्यादा है. वहीं गांव में सिर्फ 3 ऐसे परिवार हैं. जिनकी सालाना आय 10 हज़ार से भी कम है.
Published at : 29 Sep 2022 10:01 AM (IST)
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संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्ट
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