Golden Temple Amritsar: 500 किलो सोने से सजा हुआ है अमृतसर का ये मंदिर, हर रोज हजारों श्रद्धालु करते हैं दर्शन
Golden Temple: पंजाब (Punjab) का अमृतसर (Amritsar) शहर वहां के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को लेकर काफी फेमस है. इस मंदिर से सिख समुदाय की गहरी आस्था जुड़ी हुई हैं. कई किलों सोने से सजा ये मंदिर देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत हैं. ये सिर्फ पंजाब ही नहीं पूरे देश में सबसे सुंदर गुरुद्वारे के रूप में भी जाना जाता है. आज इस रिपोर्ट में हम आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक कहानी बताने जा रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट....
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appअमृतसर के स्वर्ण मंदिर को श्री हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है. ये मंदिर अपने अंदर लाखों खूबियां समेटे हुए है.
सोने से बना ये गुरुद्वारा ना सिर्फ सिखों के लिए बल्कि सभी धर्मों के लोगों की आस्था का प्रताक हैं. हर रोज यहां हजारों लोग अरदास करने पहुंचते हैं.
इस भव्य गुरुद्वारे की नींव श्री गुरु राम दास जी ने 1577 ई. में रखी थी. जिसके बाद सिखों के पांचवे गुरू अर्जन देव जी ने 15 दिसंबर, 1588 को इसका निर्माण कार्य शुरू किया और पहली बार 16 अगस्त, 1604 ई. को श्री हरमंदिर साहिब में स्थापित किया गया था.
इस गुरुद्वारे में बहुत बड़ा सरोवर भी बना हुआ है. जिसे अमृत सरोवर कहा जाता है. इस सरोवर में पूजा से पहले श्रद्धालु स्नान करते हैं. कुछ धर्म गुरुओं की मानें तो इस अमृत सरोवर में डुबकी लगाने से सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस स्वर्ण मंदिर में ही दुनिया का सबसे बड़ा लंगर बनता है. मंदिर में हर रोज लाखों लोग लंगर चखते हैं. वहीं लंगर के लिए तैयार की जानी वाली रोटियां आधुनिक मशीनों से तैयार की जाती हैं. इसलिए इसे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई भी माना जाता है.
वहीं बात करें स्वर्ण मंदिर की बनावट की तो इसे बनानी के लिए लगभग 500 किलोग्राम से भी अधिक सोने का यूज किया गया है. ये पूरा सोना 24-कैरेट से बना है, जो आज भारतीय घरों में मौजूद 22-कैरेट सोने से कहीं अधिक शुद्ध है.
अमृतसर का ये गुरुद्वारा करीब 400 साल पुराना बै. ये ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में शिल्प सौंदर्य की एक अनूठी मिसाल पेश करता है. मंदिर की नक्काशी और सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -