In Pics: अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल को PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, सामने आई अंतिम दर्शन की तस्वीरें
शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को बुधवार को यहां पार्टी कार्यालय लाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग और राजनीतिक नेता पंजाब के कद्दावर नेता और पांच बार के मुख्यमंत्री रहे बादल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. जनता की भारी मौजूदगी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि दी.
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View In Appशिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत करने के बाद 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने मंगलवार रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली. वह 95 साल के थे. पंजाब सरकार ने पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल के सम्मान में गुरुवार को अवकाश घोषित किया है. केंद्र सरकार पहले ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में 26 और 27 अप्रैल को पूरे भारत में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर चुकी है.
प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को यहां शिरोमणि अकाली दल के मुख्य कार्यालय में रखा गया है, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ पहुंचने के बाद सीधे शिअद कार्यालय पहुंचे. पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उनके साथ थे.
प्रधानमंत्री ने बादल के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और फिर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के बगल में बैठे. प्रधानमंत्री सुखबीर सिंह बादल का हाथ थामे शिअद प्रमुख के पिता के निधन पर दुख व्यक्त करते नजर आए. मोदी कुछ समय के लिए शिअद कार्यालय में रुके.
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था. बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया. बठिंडा जिले के बादल गांव के सरपंच बनने के साथ ही उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की.
वर्ष 1957 में कांग्रेस के टिकट पर वह मलोट से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए. वर्ष 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह के कांग्रेस का दामन थामने के बाद अकाली दल फिर से संगठित हो गया. अकाली दल ने 27 मार्च 1970 को बादल को अपना नेता चुना.
इसके बाद अकाली दल ने जनसंघ के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई. वह तब देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने. हालांकि यह गठबंधन सरकार एक वर्ष से थोड़ा अधिक समय तक ही चल पाई. इसके बाद वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे. अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी पड़ाव में बादल ने अकाली दल की बागडोर बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी थी.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला अपने प्रिय मित्र एवं अकाली दल के मुखिया को श्रद्धांजलि देते हुए अपने आंसू रोक नहीं पाए. चौटाला और बादल हरियाणा और पंजाब के दो शक्तिशाली राजनीतिक परिवार हैं. दोनों परिवारों के बीच काफी पुराने और घनिष्ठ संबंध हैं. बादल पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के करीबी दोस्त थे, जिन्हें ‘ताऊ’ देवी लाल के नाम से जाना जाता था.
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