In Pics: उदयपुर में महकने लगी गुलाब की खुशबू, रिडेवलपमेंट के बाद 66 प्रजातियों से सजा गुलाब बाग, देखें तस्वीरें
उदयपुर में महाराणाओं के समय का बना गुलाब बाग फिर से महक उठा है. रिडेवलपमेंट के बाद गुलाब की 66 प्रजातियों का पौधा लगाया गया है. गुलाबों की वाटिका का पर्यटक जल्द दीदार कर सकेंगे.
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View In App100 साल पहले कई जगहों से लाई गई गुलाब के पौधों की प्रजातियों को लगाया गया था. लेकिन वक्त गुजरने के साथ पौधों की बर्बादी से गुलाब वाटिका उजड़ गई. अब गुलाब वाटिका नए रूप में बनकर तैयार हुई है.
गुलाब वाटिका में दुर्लभ गुलाब के पौधे भी देखने को मिलेंगे. उदयपुर शहर का ऑक्सीजन हब गुलाब बाग है. महाराणा फतेह सिंह ने 1887 में गुलाब बाग को विकसित किया था.
हजारों की संख्या में कई प्रकार के पेड़ गुलाब बाग की शोभा बढ़ा रहे हैं. गुलाब बाग में से एक गुलाब वाटिका है. बड़ी बात है कि गुलाब बाग में राजस्थान का पहला बर्ड पार्क भी है और अब नई टॉय ट्रेन भी चलने वाली है.
गुलाब वाटिका को रिडेवलप धरोहर संस्थान की तरफ से किया गया है. संस्थान के शिवराज सिंह गुलाब वाटिका में पौधों का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि कुछ ही पौधे बचे हुए थे.
इसका कारण है पिछोला झील का पानी. गुलाब वाटिका की जगह जमीन से नीचे है. पानी के कारण काफी नमी होने से पौधे खराब हो गए.
फिर इसे धरोहर संस्थान ने विकसित करने का बीड़ा उठाया. हमारी टीम ने नमी दूर करने के लिए गमलों को भरकर ऊंचा किया. फिर बेंगलुरु से पौधे मंगवाकर वाटिका में लगाया गया.
अब सभी पौधों से सुगंध आ रहा है. उन्होंने बतया दुर्लभ गुलाब के पौधों की प्रजातियों को लगाया गया है. वाटिका में 600 से ज्यादा गुलाब के पौधे लगाए हैं.
66 प्रकार के गुलाब की प्रजातियां जैसे पिंक, हरा, पर्पल दुर्लभ हैं. इसके अलावा भी कई प्रकार के गुलाब का पौधा लगाए हैं.
अब गुलाब वाटिका को पर्यटकों के लिए जल्द खोल दिया जाएगा.
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