भरतपुर में अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर सिख समुदाय ने लगाई छबील, बांटे लंगर
भरतपुर में सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व आज श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है. कई जगह मीठे शरबत की छबील लगाई गई. गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजाया गया.
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View In Appभाई करतार सिंह जी भरतपुर वाले और भाई मनप्रीत सिंह दिल्ली वाले ने रूहानी कीर्तन से संगत को जोड़ा. 8 जून को गुरुद्वारा सिंह सभा में श्री अखण्ड पाठ साहब का शुभारम्भ हुआ था.
आज सुबह श्री अखण्ड पाठ साहब साहब की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार सजाया गया. करतार सिंह जी भरतपुर वाले और भाई मनप्रीत सिंह दिल्ली वाले ने रूहानी कीर्तन से संगत को जोड़ा.
कीर्तन दरबार की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया. सभी समाज के लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया. गुरुद्वारे के बाहर रोड पर मीठे पानी की छबील लगाई गई.
वाहन चालकों को रोककर ठंडा शरबत पिलाया गया. गुरुद्वारा सिंह सभा भरतपुर के प्रधान इंद्रपाल सिंह पाले ने बताया है कि गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है.
सिख धर्म में सभी पर्व को श्रद्धा और आस्था से मनाया जाता है. सिख मर्यादा कहती है की चढ़दी कला में रहकर जीना है. इसलिए चढ़दी कला में प्रकाश पर्व और शहीदी पर्व मनाते हैं.
उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी की शहादत अतुलनीय है. मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरु अर्जुन देव सर्वमान्य लोकनायक थे.
उन्होंने दिन रात जनता की सेवा में लगाए थे. उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था. सिख धर्म में सबसे पहले गुरु अर्जुन देव जी की शहादत हुई थी. मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को यातनायें देकर शहीद किया.
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