In Pics: केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में बढ़ी चीतलों की संख्या, प्रदेश के इन चार टाइगर रिजर्व में किए जाएंगे शिफ्ट
राजस्थान के भरतपुर में स्थित विश्व विरासत केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में चीतलों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है. यहां करीब 3500 चीतल हैं, जो क्षमता से ज्यादा है. इसलिए अब केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान से करीब 800 चीतलों को प्रदेश की चार अलग-अलग टाइगर रिजर्व सेंचुरी के लिए भेजा जाएगा. ऐसा करने के उद्देश्य के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि केवलादेव बर्ड सेंचुरी से चीतलों की संख्या को कम किया जाएगा और चार टाइगर रिजर्व सेंचुरी में रहने वाले टाइगर्स के लिए भोजन मिल पाएगा.
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View In Appरणथंभौर टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, जयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान से चीतलों को भेजा जाएगा. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में चीतलों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि यहां टाइगर नहीं हैं.
एनटीसीए की टेक्निकल कमेटी ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. इसकी शुरुआत मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से हो चुकी है. मुकुंदरा में 172 चीतल पहले भेजे जा चुके हैं. यहां 500 चीतल भेजने का लक्ष्य है. अब इसी महीने के दूसरे पखवाड़े से दूसरी खेप भेजी जाएगी.
साथ ही रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व सेंचुरी में 150 और रणथंभौर टाइगर रिजर्व सेंचुरी और जयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए 50-50 चीतल भेजे जाना प्रस्तावित है. इनकी शिफ्टिंग की शरुआत इसी महीने होने की संभावना है.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक अभिमन्यु सारण ने बताया की 800 चीतल सिफ्ट करने की योजना है क्योकि यहां पर कोई बड़ा प्रेडेटर नहीं है तो चीतल की संख्या काफी बढ़ गई है यहां करीब 3500 से ज्यादा चीतल है यहां पर जो यहां से 500 चीतल मुकुंदरा नेशनल पार्क में शिफ्ट करने का प्लान है और 50 चीतल जयपुर झालाना रिजर्व में 150 चीतल रामगढ विषधारी सेंचुरी में और 150 चीतल आरटीआर सेकण्ड करौली में सिफ्ट करने का प्लान है.
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