In Pics: भरतपुर में RBM अस्पताल के डॉक्टर सामूहिक छुट्टी पर गए, RTH बिल के विरोध में दिया समर्थन. देखें तस्वीरें
राजस्थान सरकार के पास किए गए राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में राजस्थान के सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों की काफी समय से हड़ताल चल रही है. जिसके चलते स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ा गई है. प्राइवेट अस्पतालों में चल रही हड़ताल की वजह से सभी मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जाना पड़ रहा है. जिससे सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ ज्यादा बढ़ गई हैं.
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View In Appलेकिन आज राजस्थान के भरतपुर में संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल के सभी चिकित्सक निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग के समर्थन में आ गए. इस दौरान सरकारी अस्पताल में कुछ डॉक्टरों ने मानवता दिखाई और 3 घंटे का कार्य बहिष्कार करने के बाद अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू कर दिया. वहीं ज्यादातर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं.
भरतपुर संभाग के सबसे बड़े बाबू राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल की हड़ताल के कारण मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है. जहां पहले रोजाना लगभग 1700 मरीज इलाज कराने आते थे, वहीं अब हड़ताल के कारण मरीजों की संख्या बढ़कर 2200 से 2400 प्रतिदिन हो गई है.
अस्पताल में दिखाने आए मरीजों को नहीं पता था कि सरकारी अस्पताल में अभी 3 घंटे का कार्य बहिष्कार है और अधिकतर डॉक्टर हड़ताल पर हैंत इसलिए वहां मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
गौरतलब है कि सुबह 9 बजे से ही मरीज अस्पताल में दिखाने के लिए लाइन में लग जाते हैं लेकिन जब उनको पता चला कि 3 घंटे का कार्य बहिष्कार है इसलिए 12 बजे तक आपको लाइन में ही खड़ा रहना पड़ेगा. इस घटना के बाद मरीज व्याकुल हो गए और उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से कुछ मरीज अपने घर को वापस भी चले गए .
आरबीएम अस्पताल की अधीक्षक डॉ.जिज्ञासा साहनी ने बताया कि हमारे मेडिकल कॉलेज के अधीन आरबीएम अस्पताल और जनाना अस्पताल दोनों में लगभग 120 डॉक्टर कार्यरत हैं, जिनमे, से 70 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर हैं और 43 चिकित्सकों ने 3 घंटे का कार्य बहिष्कार किया है. वहीं इमरजेंसी सेवाएं चालू है और कुछ डॉक्टर मानवता के नाते सामूहिक अवकाश पर होने के बाद भी अस्पताल में मौजूद है. किसी भी गंभीर मरीज को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
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