In Pics: बूंदी में भारी बारिश के बाद टपकने लगी जिला अस्पताल की छत, मरीजों का बैठना हुआ मुश्किल
राजस्थान के बूंदी में लगातार हुई बारिश से जिला प्रशासन की पोल खुल गई. सफाई व्यवस्था तक चरमराई हुई है जिले के एकमात्र सरकारी अस्पताल की छत भी टपकने लगी. विशाल आकार में बने बूंदी के इस राजकीय अस्पताल का एक हिस्सा भी ऐसा नहीं बचा है जहां छत नहीं टपक रही हो. छत टपकने से मरीजों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. परिसर में पानी होने से मरीजों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा.
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View In Appयही नहीं आईपीडी-ओपीडी के बाहर मरीजों को टिकट लेने और दवा केंद्र के बाहर दवा लेने के दौरान भी छत से गिर रहे पानी मे भीग कर अपने बारी का इंतजार करना पड़ा. यही नहीं जिस जगह पर डॉक्टर्स मरीजों को देख रहे थे वह छत भी टपक रही थी.
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मरीज अपनी बीमारी का इलाज करने के लिए अस्पताल में पहुंचे लेकिन वह खुद ही अस्पताल से गिर रहे पानी और जमीन पर फैले पानी की चपेट में आने से संक्रमण का शिकार होते दिख रहे.
जिला अस्पताल छत से पानी गिरने की सूचना पर एडीएम करतार सिंह मौके पर पहुंचे जहां पीएमओ को छत से पानी गिरने की समस्या को जल्द से जल्द खत्म करने के निर्देश दिए.
जिले के सुवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की छत टपकने लगी है. यहां 1 साल पहले लाखों रुपए की लागत से अस्पताल की छत की ठेकेदार द्वारा मरम्मत की गई थी. मरम्मत करने के 1 महीने बाद जैसे ही बारिश आई छत दोबारा टपकने लगी. जिससे मरीजों के बैठने के लिए जगह नहीं रही.
अस्पताल की छत टपकने के कारण लेबर रूम, पंजीयन कक्ष, डॉक्टर रूम, दवाइयों के स्टोर रूम, मरीजों के भर्ती वार्ड, टीकाकरण वार्ड आदि पानी-पानी हो गया. स्टोर रूम की सारी दवाइयां पानी में भीग गई. अस्पताल प्रशासन और ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को कई बार अवगत करा दिया गया है लेकिन अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे.
बूंदी जिले में 24 घंटे से अधिक समय से हुई बारिश के बाद हाल बेहाल हो गए थे. यहां अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर, आईपीडी, ओपीडी, मेडिकल वार्ड सहित कई जगहों पर छते टपकने लगी. कुछ वार्ड तो ऐसे थे जहां भर्ती मरीजों को भी छत टपकने से परेशानी का सामना करना पड़ा. मरीज रामेश्वर ने बताया कि वो अपनी बेटी रिया को खांसी जुखाम होने के कारण दिखाने आया था.
अस्पताल में घुसने के साथ ही फर्स पर पानी ही पानी देखा और छत टपक रही थी. टिकट लेने गया तो वहां पर भी छत से पानी टपक रहा था. उन्होंने बताया कि टिकट लेने के दौरान मेरे ओर मेरी बेटी के सिर पर पानी होने से हम पुरी तरह से भीग गए. बैठेने तक कि व्यवस्था नही थी. प्रशासन को चाहिए कि व्यवस्था को सुधारें ओर जल्द जल्द मरम्मत करवाये.
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