International Museum Day: बूंदी के म्यूजियम में 8वीं शताब्दी की निशानियां मौजूद, देखें ऐतिहासिक धरोहर की तस्वीरें
पूरे देश में आज वर्ल्ड म्यूजियम डे बनाया जा रहा है. बूंदी जिले में काफी ऐतिहासिक धरोहर है. यहां दो म्यूजियम है. एक म्यूजियम तारागढ़ पैलेस में है जो लम्बे समय से बंद है. जबकि दूसरा भारतीय पुरातत्व विभाग का है. जिसमें आजादी के इतिहास के काफी चित्र लगे हुए हैं.
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View In Appजिले का आजादी में योगदान और महापुरुषों की जीवन गाथाएं बताई गई है. बूंदी म्यूजियम में पाषाण काल उपकरण, ताम्र पाषाण काल, उत्तर पाषाण काल की धातुएं मौजूद हैं.
इसी तरह तीर के तूके, बूंदी की कटार शाही, जंबूरा बंदूक, बारूद पोटली, तीर कमान, लकड़ी की बंदूक के भाले सहित कई उपक्रम यहां मौजूद हैं जिन्हें सुरक्षित रखा गया है. पर्यटक आसानी से इनके दीदार कर सकते हैं.
इस म्यूजियम में आठवीं नौवीं जनशताब्दी की मूर्तियां भी मौजूद हैं.
इसमें नृत्य गणेश, उमा महेश्वर, हरिहर, विष्णु, शेषशाही विष्णु, चामुंडा सहित 50 प्रकार की शताब्दियों की मूर्तियां हैं. जिनमें तरह-तरह की कलाकृतियां दिखाई देगी. म्यूजियम में बूंदी की पेंटिंग्स भी मौजूद है.
इसमें नृत्य करते घोड़े, हाथी, ऊंट, महिला-पुरुष, युद्ध लड़ते सैनिक, महल, हाथी पर सवारी सहित कई प्रकार की चित्र शैली मौजूद है. इसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं.
बूंदी एक ऐतिहासिक जिला है. राजस्थान के होड़ौती क्षेत्र में बूंदी को छोटीकाशी की नगरी कही जाती है. यहां पग-पग पर मंदिर-मस्जिद के लिए मशहूर है.
शहर के बाल चांद पाडा स्थित तारागढ़ फोर्ट 1354 में बनाया गया था. बूंदी की स्थापना 1242 ई. में बूंदा मीणा, राव देवा द्वारा की गई थी.
उसी दौरान इस विशाल किले का निर्माण भी किया गया था. बूंदी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है जो अपने किलों, महलों और बावड़ियों के लिए जाना जाता है.
यहां रानीजी की बावड़ी ऐसी ही एक आकर्षक जगह है जो राजस्थान की सबसे शानदार बावड़ियों में से एक मानी जाती है.
चौरासी खम्भों की छतरी बूंदी के मुख्य आकर्षणों में से एक है. इस इमारत में 84 खंभे हैं जो कि पूरे स्मारक को सहारा देते हैं. शहर में जैत सागर झील, नवल सागर झील है.
शहर में कई आकर्षक स्थान हैं जो यहां की सृमद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को दिखाते हैं. शहर के आकर्षणों के अलावा बूंदी के पास कई स्थान हैं जो छोटे से भ्रमण में देखे जा सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क है.
यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का राजस्थानी परंपरा के अनुसार स्वागत सत्कार हो रहा है. पर्यटन स्थलों पर राजस्थानी लोकरंग बिखर रहे है.
संग्रहालय दिवस के संबंध में जागरूकता बैनर भी लगाए गए हैं. इससे पहले पर्यटक स्थलों को सजाया गया है.
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