Churu News: चूरू डैम में महज दिन तीन दिन के पानी का स्टॉक, 10 शहरों पर मंडराया जल संकट का बादल
जिले में 873 गांव, 712 ढाणियों और चूरू सहित 10 शहरों की करीब 24 लाख की आबादी को आपणी योजना के पानी के सप्लाई के लिए अभी 5 दिन और इंतजार करना पड़ेगा. पंजाब से सरहिंद फीडर और इंदिरा गांधी नहर के बीच बना पानी का कॉमन बैंक टूट गया है. इसके टूटने के बाद नहर बंदी तीन-चार दिन और रहेगी. चूरू शहर तक पानी 28 मई तक ही पहुंच पाएगा. अभी इंदिरा गांधी नहर से चार-पांच दिनों तक पानी छोड़े जाने की संभावना नहीं है. पहले घोषित नहर बंदी के हिसाब से जिले को 23 मई तक पानी मिलना शुरू हो जायेगा. 8 मई की रात को सरहिंद फीडर और इंदिरा गांधी पीटर के बीच के कॉमन बैंक के टूटने से जलापूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है.
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View In Appपंजाब सरकार इसकी मरम्मत करवाने में जुटी हुई है. राजस्थान से भी उच्चाधिकारियों की टीम वहां पहुंच गई है. राज्य सरकार अपने समस्त संसाधनों से इस मरम्मत को तत्काल दुरूस्त कराने में लगी हुई है. इंजीनियरों के लगातार प्रयासों के बाद भी नहर बंदी 23 मई तक चलेगी. ऐसे में नहर बंदी 23 तक भी चलेगी तो चूरू, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिले को 27 से 28 के बीच पानी मिलेगा. 60 में से 30 दिन पूर्ण नहर बंदी के दौरान जिले के धन्नासर, कंसाना, तारानगर, पांडूसर सहित चार स्टोरेज डैम से 1 दिन छोड़कर एक दिन पानी देने का निर्णय लिया गया.
इन चारों डैम में से 23 दिन तक रोज पानी देने की क्षमता थी. इसमें से 18 से 19 दिन का पानी दिया जा चुका है. चार स्टोरी डैम में 60090 एमएम के जल पर आकर भराव की क्षमता है. अब 3 से 4 दिन का पानी बचा है. अधिकारियों के अनुसार एक-दो दिन पूरी तरह सप्लाई बंद हो सकती है. चिंता की बात यह है कि 873 में से 518 गांव नहर की सप्लाई पर निर्भर हैं. इन गांवों को भी अब हाल में 1 दिन छोड़कर डैम से स्टोरेज किए गए पानी में से सप्लाई देनी पड़ेगी.
220 गांव ढाणियों में, 7 शहरों में रोज 104 टैंकरों से विभाग पानी सप्लाई करवा रहा. जिले में नहर बंदी के दौरान अब तक 220 गांव ढाणियों में 68 टैंकरों से रोजाना 320 ट्रिप और चूरू, सरदारशहर, तारानगर से राजलदेसर, रतनगढ़, बिदासर और सुजानगढ़ शहरों में 36 टैंकरों से पानी की सप्लाई विभाग करवा रहा है.
1200 रुपये से लेकर 1500 रुपए में ग्रामीण पानी का टैंकर खरीद रहे हैं. भीषण गर्मी और पूर्ण नहर बंदी के बीच गांव में टैंकर माफिया सक्रिय हो गए हैं. नहर पर आश्रित ग्रामीणों को पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1200 से लेकर 1500 रुपये प्रति टैंकर खर्च करने पड़ रहे हैं.
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