In Pics: लहसुन की कीमतों में भारी उछाल, भाव 500 रुपये किलो होने पर भी किसान क्यों हैं नाखुश?
देशभर में लहसुन की कीमत में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. लहसुन इन दिनों बाजार में 450 से 500 रुपये किलो में बिक रहा है. इससे आम आदमी के घर का बजट भी बिगड़ चुका है. साथ ही किसान भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि लहसुन की पैदावार के दौरान बाजार में कीमत 2 से 50 किलो रुपये तक रहती है. कई बार तो ऐसा होता है कि किसानों को लहसुन की पैदावार के बाद भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ता है.
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View In Appजोधपुर में लहसुन की खेती करने वाले किसानों से जब एबीपी न्यूज़ ने बात की तो भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलसाराम सींवर ने बताया कि किसान दिन रात मेहनत करके अपने खेतों में लहसुन की पैदावार करते हैं. इसका अमूमन खर्च प्रति किलो के हिसाब से 50 से 70 आता है, लेकिन जब बाजार में अपनी फसल को बेचने जाते हैं, तो लहसुन की कीमत कौड़ियों की हो जाती है.
उन्होंने कहा कि कभी 2 रुपये किलो तो कभी 5 रुपये किलो, कभी 10 रुपये किलो, कभी 25 रुपये किलो तो कभी 50 रुपये किलो के हिसाब से किसानों को बाजार में नुकसान खाकर फसल बेंचनी पड़ती है. ऐसे में जब किसानों के पास लहसुन है ही नहीं, तो इस तरह से बाजार में काला बाजारी और भाव में उतार-चढ़ाव करने वालों के खिलाफ सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए.
वहीं जोधपुर के किसान शंकर राम ने बताया कि वह पिछले कई सालों से खेती का काम करते हैं. उन्होंने पिछली बार 10 बीघा जमीन में लहसुन की बुवाई की थी, उन्हें लगा था कि अच्छी कमाई होगी, लेकिन भाव नहीं मिलने के कारण नुकसान हो गया.
इस साल उन्होंने 4 बीघा जमीन में लहसुन की बुवाई की है. उन्होंने आगे कहा कि किसान कर्ज लेकर खेती करते हैं और मुनाफा व्यापारी कमाते हैं. किसान और कर्जदार होता जाता है. किसान मजबूरी में अपनी फसल को बेंचता है, क्योंकि उसके पास स्टोरेज के लिए कोई संसाधन नहीं है.
वहीं जोधपुर के किसान पुखराज ने बताया कि हम लोग मजबूर होकर फसल की पैदावार करते हैं. किसानों को हर समय नुकसान का ही सामना करना पड़ता है. जब हमारी फसल तैयार होती है, तो बाजार में कीमत कौड़ियों की हो जाती है.
जोधपुर के किसान छैल सिंह गहलोत ने बताया कि इस बार पहली बार सुना है कि लहसुन की कीमत 500 रुपये किलो हो गई है. जब हमारे पास फसल नहीं है, तो भाव आसमान छू रहा है जैसे ही किसान की फसल की पैदावार होगी तो बाजार में कीमत जमीन पर आ जाएगी.
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