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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: हरियाली अमावस्या की धूम, महिलाएं इस दिन करती हैं विशेष पूजा अर्चना, देखें तस्वीरें
पूरे देशभर में सावन मास की धूम है. राजस्थान के कई जिलों में हरियाली अमावस्या पर विविध कार्यक्रम आयोजित होते है. सावन माह बहुत पावन होता है, इस महीने से अगले चार महीनों के लिए तीज-त्यौहार शुरू हो जाते हैं. सावन में अधिकतर त्यौहार शिव पार्वती की पूजा आराधना वाले ही होते हैं. सावन मास के विभिन्न त्यौहार में से एक है हरियाली अमावस्या.
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View In Appयह दिन शादीशुदा औरतों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह शिव पार्वती से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा देश के अन्य स्थानों पर भी इसे पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाया जाता है. हरियाली अमावस्या के दिन शिवजी की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है. इस पर्व पर पौधारोपण करके पुण्य की प्राप्ति की जाती है. साथ ही जलाशय या नदी में स्नान करके नीम, आंवला, तुलसी, पीपल, वटवृक्ष और आम के पेड़ लगाने का विशेष महत्व है. हरियाली अमावस्या का दिन किसानों के लिए भी शुभ होता है. इस दिन किसान अपनी फसलों की पहली पैदावार शुरू करते हैं.
छोटीकाशी बूंदी में भी हरियाली अमावस्या की धूम रही. यहां शिवालयों में महिलाओं ने हरियाली अमावस्या पर विशेष पूजन किया. साथ ही शहर के विभिन्न कॉलोनियों में महिलाओं के ग्रुपो ने हरियाली अमावस्या पर गीत गाकर भगवान शिव व पार्वती को प्रसन्न करने की कोशिश की.
शहर निवासी शालिनी विजय ने बताया कि हरियाली अमावस्या को जीवन मे बहार के समान माना जाता है. जो धरती को हरा-भरा कर देती है. प्राचीन समय से ही पेड़-पौधों में भगवान के अस्तित्व को मानकर उनकी पूजा करने का महत्व है. हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य बढ़ रहे प्रदूषण और गंदगी की समस्या को हल करना है.
बूंदी जिले के झर महादेव के श्रावण की हरियाली अमावस्या के चलते दिनभर श्रद्धालुओं में आस्था का सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने महादेव परिवार पर बेलपत्र व जल चढ़ाकर पूजा अर्चना की. क्षेत्र के औकारपुरा के ग्रामीणो ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपनी मनोकामनाओं को लेकर पांचवी पद यात्रा के साथ डीजे की धुन पर महादेव के भजनों में नाचते गाते व जयकारों के साथ मंदिर परिसर में पहुंचकर भंडारे का आयोजन किया गया.
ग्रामीण इलाकों में लगने वाले मेले में गुड़ और धानी का प्रसाद वितरित किया जाता है जो कि कृषि की अच्छी पैदावार होने की मान्यता है. इस दिन गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा जैसे अनेक अनाज बोए जाते हैं और खेतों में हरियाली की जाती है.
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