Holi 2023: जयपुर के श्री कृष्ण बलराम मंदिर में खेली गई फूलों की होली, पंचामृत के बाद पंचगव्य से भगवान का स्नान, देखिए तस्वीरें
जयपुर के प्रसिद्ध श्री कृष्ण बलराम मंदिर में गौर पूर्णिमा महोत्सव का कार्यक्रम हुआ. मंदिर को रोशनी और फूलों के साथ सजाया गया था. भगवान को दिव्य अलौकिक पोशाक और फूल बंगले के साथ श्रृंगार किया गया.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appशाम 6 बजे मंदिर उपाध्यक्ष अनंतशेष दास ने भगवान का दिव्य महाअभिषेक किया. पंचगव्य, विभिन्न फलों के रस और 108 कलशों के पवित्र जल का इस्तेमाल किया गया. पूर्णिमा महोत्सव के अंत में पालकी उत्सव का आयोजन किया गया.
भगवान पर फूलों की वर्षा की गई और भक्तों ने हरी नाम संकीर्तन में भाग लिया. आखिर में सभी भक्तों को प्रसादी वितरण किया गया. गौर पूर्णिमा चैतन्य महाप्रभु का प्राकट्य दिवस है. सुनहरे रंग के कारण उनको गौरंग महाप्रभु भी कहा जाता है.
उन्होंने भगवान के पवित्र नामों का सामूहिक हरिनाम संकीर्तन हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे से श्रीकृष्ण की भक्ति का महत्व सिखाया.
फाल्गुनी पूर्णिमा, फाल्गुन (फरवरी-मार्च) में 1486 ईस्वी (1407) में जगन्नाथ मिश्रा और सचिदेवी के पुत्र के रूप में बंगाल क्षेत्र स्थित श्रीधाम मायापुर में प्रकट हुए.
उनके माता-पिता ने उनका नाम निमाई रखा क्योंकि उनका जन्म उनके पैतृक घर के आंगन में नीम के पेड़ के नीचे हुआ था. त्योहार गौड़ीय वैष्णवों के लिए नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है.
मंदिर में भक्तों ने चैतन्य महाप्रभु की आध्यात्मिक शिक्षाओं का पालन करते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश किया. समारोह श्री श्री निताई गौरंग (भगवान चैतन्य महाप्रभु और भगवान नित्यानंद) की पालकी उत्सव के साथ शुरू हुआ.
भगवान को हरिनाम संकीर्तन के साथ फूलों से सजी पालकी में वृन्दावन उद्यान ले जाया गया. पालकी उत्सव बाद, निताई गौरंग के विग्रहों का भव्य अभिषेक किया गया. भगवान को पहले पंचामृत से और फिर पंचगव्य से स्नान कराया गया. उसके बाद विभिन्न फलों के रस से महाभिषेक किया गया.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -