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Holi 2023: उदयपुर की शाही होली मनाने विदेश से पहुंचते हैं लोग, सिटी पैलेस की तस्वीरों में देखें खूबसूरती
Udaipur Royal Holi: सिटी पैलेस में पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़, उनके पुत्र डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और परिवार होली दीपदान महोत्सव सिटी पैलेस के माणक चौक में मनाते हैं.

(उदयपुर में मनती है शाही होली, फोटो- विपिन चंद्र सोलंकी)
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झीलों की नगरी उदयपुर जो विश्व ने झीलों की वजह से प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के ऐतिहासिक महल और गढ़ भी अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. जिन्हें देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. यहां के पूर्व राजपरिवार भी अपनी परंपराओं के लिए पहचाने जाते हैं. ऐसे ने होली का का पर्व जो 6 और 7 मार्च को होने वाला है और यहां होली भी सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपराओं के मनाई जाती है.
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इस होली में शाही ठाठ-बाट दिखाई देता है. यह आयोजन विश्व प्रसिद्ध सिटी पैलेस में होता है. राणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि पावन फाल्गुन मास के पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी होलिका दीपन महोत्सव सिटी पैलेस, उदयपुर के माणक चौक प्रांगण में सोमवार 6 मार्च को परंपरागत रीति-रिवाज से सादगीपूर्वक मनाया जाएगा.
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भूपेंद्र सिंह ने सूचना देते हुए बताया कि पर्यटकों के लिए होलिका दहन के दिन सोमवार 6 मार्च 2023 अपराह्न 3 बजे बाद और धुलंडी के उपलक्ष में मंगलवार 7 मार्च 2023 को सिटी पैलेस संग्रहालय बंद रहेगा.
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सिटी पैलेस में पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़, उनके पुत्र डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और परिवार होली दीपदान महोत्सव सिटी पैलेस के माणक चौक में मनाते हैं. राजपूती पौषक में सज धजते है.
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इसमें बैंड-बाजो के साथ घोड़े-बग्गियों की शाही सवारी निकलती है. यह सवार सिटी पैलेस के अंदर ही निकलती है जो माणक चौक तक पहुंचती है. इसमें शाही परिवार सवार होता है.
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इसके बाद माणक चौक में रौपें गए होली की पूजा की जाती है और रीति रिवाज का निर्वहन करते हुए होलीका दहन होता है. इसकी तैयारियां करीब एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं.
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शाही ठाट-बाट और रीति रिवाजों का निर्वहन कर होलिका दहन जी इस परंपरा को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में सिटी पैलेस लोग पहुंचते हैं.
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इस शाही होली को देखने सिर्फ उदयपुरवासी या देशी पर्यटक ही नहीं विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं. यह कह सकते हैं कि इस कार्यक्रम का सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं.
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होलिका दहन कार्यक्रम के बाद पारंपरिक गैर नृत्य होता है, यहीं नहीं कलाकारों द्वारा विभिन्न पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी जाती हैं. इसके अलावा आतिशबाजी भी की जाती है.
Published at : 06 Mar 2023 07:12 AM (IST)
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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