दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं लोग, सिरोही के इस गांव में होली पर निभाई जाती है ये अनोखी परंपरा
भारत में होली का त्योहार बड़े ही धूम धाम के साथ शुक्रवार (14 मार्च) को मनाया गया. ऐसे में देश के अलग-अलग जगहों पर होली की अलग-अलग परंपाएं निभाई जाती है. इसी कड़ी में होली के दिन राजस्थान के सिरोही जिले के भाखर क्षेत्र में आदिवासियों द्वारा कई गांवों में अनोखी परंपरा निभाई गई, जिसमें सैकड़ों लोग जलते अंगारो पर चले.
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View In Appसिरोही जिले के आबूरोड स्थित भाखर क्षेत्र में बीते होली मनाई गई. इस आदिवासी अंचल में मध्य रात्रि में होलिका दहन के बाद युवाओं के अंगारों पर चलने की परंपरा है, जिसका निर्वहन इस साल भी किया गया.
इस दौरान एक के बाद एक कई युवक अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं. इस दौरान आस पास के गांवों से कई लोग इस परंपरा को देखने भी आते हैं. आबूरो के भाखर क्षेत्र के बीजेपी नेता देवाराम गरासिया ने बताया कि आदिवासियों की मान्यता है कि इस परंपरा को निभाने से सुख, शांति और समृद्धि मिलती है.
कई लोग ऐसा दावा करते हैं कि जब भक्त प्रहलाद को लेकर होलिका आग में बैठी तो तमाम बुराईयां जल गईं, लेकिन भगवान नहीं जले. इसी तरह हम भी इस परंपरा का निर्वहन कर सकते हैं और हमारे अंदर की बुराईयों को आग में जलाकर शुद्ध रूप से स्वस्थ बाहर निकल सकते हैं.
वहीं स्थानीय निवासी रामलाल रनोरा बताते हैं कि यह आस्था का प्रतीक है. आदिवासी क्षेत्र में मन्नत पूरी होने के बाद इस तरह से आग से निकलते हैं. यह परंपरा आदिवासी अंचल के जाम्बूड़ी, उपलागढ़, पाबा, उपला खेजड़ा सहित अन्य गांवों में कई सालों से निभाई जाती है.
बता दें इस साल भी शुक्रवार को पहले होलिका माता की पूजा-अर्चना की गई फिर ढोल नगाड़ों के बीच लोग होली के अंगारों पर नंगे पैर चलते रहे. भाखर क्षेत्र में यह परंपरा बरसों पुरानी है.
वहीं लोग मानते हैं कि होलिका दहन के बाद धधकते अंगारों पर चलने से गांव में कोई आपदा नहीं आती और सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. (तुषार पुरोहित की रिपोर्ट)
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