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In Pics: भीलवाड़ा में इन जगहों पर जरूर जाएं, 900 साल पहले बसे इस शहर की खूबसूरती पर डालें एक नजर
राजस्थान में वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा मेवाड़ अंचल के बीच बसा है. टेक्सटाइल सिटी में कई ऐसे स्थान हैं जहां जाकर पर्यटकों को शांति और आनंद मिलता है.

(बागोर साहिब गुरुद्वारा की खूबसूरती)
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
भीलवाड़ा में प्राचीन हरणी महादेव का विशाल मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां भक्तों की लंबी कतारें लगती है. मंदिर में शिवलिंग के साथ एक पीतल का नंदी भी है. मंदिर परिसर में विभिन्न देवी देवताओं के अन्य मंदिर में भी स्थित है, जहां भगवान की छवि का दर्शन करने पर भक्तों का मन मोहित हो जाता है.
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
भीलवाड़ा में एक पहाड़ी पर स्थित प्राचीन बदनोर किला इतिहास और वास्तुकला के लिए जाना जाता है. सात मंजिला किले में मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला देखने को मिलती है. बताते हैं कि 845 ईस्वी में राजा परमार ने बदनपुरा की स्थापना की थी जिसे बाद में बदनोर कहा जाने लगा. यहां चतुर्भुज विष्णु मंदिर में एक विजय स्तंभ के अनुसार इस किले का निर्माण 1584 में किया था. यहां द्वारकाधीश और सीताराम मंदिर भी स्थित है.
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
भीलवाड़ा के धार्मिक दर्शनीय स्थलों में क्यारा के बालाजी मंदिर भी प्रसिद्ध है. बताते हैं कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है. जब रावण ने सीता माता का हरण कर लिया था, उस वक्त उनकी तलाश में निकले हनुमान ने यहां विश्राम किया था. मंदिर में हनुमान की प्रतिमा भी स्वयंभू प्रकट हुई है. यहां रोजाना हजारों कबूतर दाना चुगने आते हैं.
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
भीलवाड़ा की आरसी व्यास कॉलोनी में शिवाजी पार्क स्थित है. यहां पर्यटकों की काफी चहल-पहल रहती है. शाम के वक्त यह पार्क पर्यटकों से आबाद रहता है. यहां कृत्रिम झील में बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं. सेल्फी लेने के लिए भी यहां कई शानदार बैकग्राउंड है.
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
भीलवाड़ा में श्री कलगीधर बागोर साहिब गुरुद्वारा ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है. यह गुरुद्वारा शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर बागोर इलाके में स्थित है. बताते हैं कि सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह साहिब ने यहां दस दिन तक प्रवास किया था. इसके अलावा शहर में भी एक भव्य गुरुद्वारा बना है जहां जाकर शांति और सुकून मिलता है.
Published at : 26 Nov 2022 05:46 PM (IST)
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