International Dance Day: कथक के जरिए कृष्ण भक्ति का कर रहीं प्रचार, प्राचीन कला को बचाने छेड़ी खास मुहिम, जानें- कौन हैं बरखा जोशी
कई अवार्ड और प्रतियोगिताओं में शीर्ष मुकाम हासिल करने वाली कोटा की बरखा जोशी कृष्ण भक्ति की इस अद्वितीय कला को बचाए रखने और इसे शीर्ष पर पहुंचाने के काम में लगी हुई हैं.
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View In Appबरखा का कहना है कि यह ईश्वरीय वरदान है और हमें हमारी संस्कृति को बचाने की बेहद आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय दिवस को कार्यक्रम के आयोजन के पीछे का मकसद लोगों को प्राचीन कला से जोड़ना है.
बरखा जोशी वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संगीत रामपुरा में कथक नृत्य गुरु के पद पर हैं. सन 1999 में राष्ट्रपति केआर नारायणन औक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा सम्मानित हो चुकी हैं.
बरखा कई तरह के पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं. वह कालिदास समारोह उज्जैन, बूंदी उत्सव, खजुराहो महोत्सव, जयपुर कत्थक केंद्र, रविंद्र मंच, संगीत नाटक अकैडमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.
बरखा जोशी ने बताया कि शास्त्रीय संगीत की ये कला ईश्वर से जोड़ने का माध्यम हैं, इसमे घुंघरू से लेकर हर वाद यंत्रों की पूजा होती है. .
बरखा जोशी ने बताया कि नृत्य दिवस पर कई कार्यकम आयोजित किए जाएंगे जिसमें बच्चों को इसका महत्व समझाया जाएगा वहीं कई मुद्राओं की जानकारी दी जाएगी.
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