In Pics: पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन मेें लिए गए आठ संकल्प, युवाओं को इस तरह से पढ़ाएंगे लोकतंत्र का पाठ, देखें तस्वीरें
83वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया गया. दो दिन के इस सम्मेलन में आठ प्रस्ताव पारित किए गए.जिसमें विधायी निकायों के माध्यम से कानून बनाने में विश्वास की पुष्टि करना और सदनों के संचालन में व्यवधान के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों से आम सहमति बनाने की अपील करना शामिल है.इनके अलावा विधायी निकायों के लिए अधिक दक्षता,पारदर्शिता और अंतर-संबद्धता के हित में एक राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. सम्मेलन के अंतिम दिन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. आइए तस्वीरों के जरिए देखते हैं कि कैसा रहा सम्मेलन.
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View In App83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को किया था.यह सम्मेलन भारत में विधानसभाओं का शीर्ष निकाय है. इसने 2021 में अपने सौ साल पूरे किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में 2021 में 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन किया था. पहला सम्मेलन भी 1921 में शिमला में ही आयोजित किया गया था. जयपुर में चौथी बार यह सम्मेलन आयोजित किया गया.
इस सम्मेलन में संकल्प लिया गया कि संविधान,विधायिका और विधानमंडलों के नियम-कानूनों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए लोकतंत्र शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा.इसके लिए देश के सभी विधानमंडल मिलकर एक राष्ट्रीय अभियान चलाएंगे. इसमें प्रत्येक विधानसभा युवा संसद,प्रदर्शनी,विश्वविद्यालयों के छात्रों में लोकतंत्र की जानकारियां देने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
इस सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और राज्यों के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए.
इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने जनप्रतिनिधियों में विधायिका के प्रति कम जानकारी होने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहते हुए बड़ी पीड़ा होती है कि लोग 10-15 साल तक विधायक रहने के बाद भी उनको कट मोशन तक का पता नहीं होता है.
सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पीठासीन अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों को संविधान साहित्य और शोध से जुड़ी सामग्रियां तत्काल उपलब्ध कराएं,ताकि विधायिका को लेकर उनकी समझ और विकसित हो सके.
इस सम्मेलन का समापन गुरुवार को हुआ. सम्मेलन में 49 विधानसभा और विधान परिषद अध्यक्षों ने हिस्सा लिया. इन सभी ने मिलकर आठ संकल्पों के जरिए विधायिका की साख व गरिमा को मजबूत रखने का वादा किया.
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