Photos: मेवाड़ में ऐसे मनाई गई जन्माष्टमी, 21 तोपों को सलामी, आतिशबाजी के जरिए आसमान में दिखी कृष्ण लीला
श्री कृष्ण के जन्म होते ही कही 21 तोपों को सलामी दी गई तो कही आतिशबाजी हुई. यहीं नहीं सभी भक्तों पर दही केसर का छिड़काव किया तो कहीं आसमान में श्री कृष्ण की लीलाओं को देखा.
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View In Appमेवाड़ के प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिरों में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ देखी गई. जानिए मेवाड़ के प्रमुख मंदिरों में कैसे मनाई कृष्ण जन्माष्टमी. उदयपुर के प्राचीन जगदीश मंदिर में 6 की रात 12.40 पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. यहां मंदिर में सुबह से ही भजन शुरू हो गई.
फिर रात में जन्मोत्सव के पहले बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही. सभी ने श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद दर्शन किए. फिर अगले दिन धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया और रात में दही हांडी का कार्यक्रम हुआ.
इसके अलावा देशभर में प्रसिद्ध राजसमंद जिले के नाथद्वारा में 7 की रात को जन्मोत्सव के ठीक बाद में खुशियां मनाते हुए 21 तोपों को सलामी दी गई. यहां दूर दूर से भक्त भगवान के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचे.
यहीं नहीं अगले दी नंदोत्सव मनाया गया जिसमें भक्तों पर दही केसर का छिड़काव कर वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थिति सांवलिया सेठ मंदिर में इस बार और ज्यादा धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई गई.
यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचे. हालात यह हो गई कि ज्यादा भीड़ के कारण लोग दर्शन तक नहीं कर पाए और लौटना पड़ा. रात को यहां 1000 ड्रोन से आसमान में कृष्ण लीला दिखाई गई. फिर भजन संध्या हुई.
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