Jhunjhunu News: झुंझुनू में 'लखपति' हैं इस गौशाला की गायें, बैंक में है लाखों की एफडी
इंसान क्या जानवरों के भी बैंकों में खाते खुले हुए हैं. इनके खाते और इनके नाम पर पैसे भी डिपॉजिट हो रहे हैं. ये सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है. गायों के नाम पर यहां लाखों रुपए की एफडी की गई है.
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View In Appराजस्थान के झुंझुनू जिले के भोड़की गांव में जामवाय ज्योति गोशाला में लगभग 1000 गायें हैं. जिनमें से 31 दुधारू गायों में से हर एक के नाम बैंकों में फिक्स डिपॉजिट के रूप में एक लाख रुपये हैं. 2015 में यह गोशाला दो बीघा जमीन पर शुरू की गई थी और अब गांव वालों की मदद से यह 61 बीघा में फैला चुकी है.
गोदारा ने कहा कि गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षकों और किसानों ने भी अपनी मां के नाम पर गायों को गोद लिया है. उन्हीं के नाम पर इन गायों के नाम जैसे राधा, राधिका, सीता, गीता आदि रखे गए हैं.
उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये बहुत ज्यादा नहीं हैं. लोग मदद और दान के लिए तैयार रहते हैं. अगर सरकारी अनुदान में देरी होती है या एमरजेंसी होती है तो एफडी पर लोन लिया जाता है.
इस गोशाला कमेटी में 300 मेंबर्स हैं जो हर महीने एक तय राशि दान करते हैं. गोशाला को हर महीने कुल 2.5 लाख रुपये दान में मिलते हैं. इस गोशाला को चलाने के लिए हर महीने 8 लाख रुपये की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि गोशाला में सभी जानवरों की टैगिंग भी की गई है.
गोशाला की देखरेख करने वाले गांव के सरपंच शिवराम गोदारा ने कहा, 'गोशाला शुरू करने का विचार फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले मवेशियों को देखकर आया.' गायों के नाम पर एफडी खोलने को लेकर उन्होंने कहा, '1 लाख रुपये की एफडी गायों के पालन-पोषण में काम आएगी. 31 एफडी में से आधे स्थानीय लोगों ने खुलवाई हैं और बाकी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खुलवाई हैं.
एफडी के ब्याज का उपयोग गायों के लिए किया जाता है. हालांकि यह ब्याज सालाना 6000 रुपये के आसपास होता है लेकिन मदद के तौर पर इसका इस्तेमाल हो जाता है. गोदारा ने कहा, 'जब एक गाय गर्भवती होती है तो एफडी के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क किया जाता है, फिर कोई गोभक्त सामाजिक कार्यकर्ता गाय को गोद लेते हैं.'
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