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In Pics: राजस्थान की आन-बान-शान जोधपुर की जूतियां विदेश में भी मचा रहीं धमाल, तस्वीरों में देखें शानदार कलाकारी
Jodhpuri News: राजा-रजवाड़ा की धरती राजस्थान की आन बान और शान जोधपूरी जूतियों का एक खास महत्व है. राजस्थान में प्राचीन समय में राजा महाराजाओं के समय से जूतियां पहनने का प्रचलन हैं.
![Jodhpuri News: राजा-रजवाड़ा की धरती राजस्थान की आन बान और शान जोधपूरी जूतियों का एक खास महत्व है. राजस्थान में प्राचीन समय में राजा महाराजाओं के समय से जूतियां पहनने का प्रचलन हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/82d40b9eb150eb42bc985ba3b66294401679833058121649_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
(जोधपुर जूतियियां)
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![प्राचीन काल से राजा महाराजा हो, या आमजन, पूरे परिधान के साथ पैरों में जूतियां पहना करते थे. कलात्मकता, खुबसुरत कसीदाकारी वाली जूतियां उस पर चार चांद लगा देती थी. फिर धीरे-धीरे समय बदला, जूतियों की जगह जूते चप्पलों ने ले लिए, परंतु आज भी शादी विवाह हो, त्योहारों का मौका सबसे ज्यादा जूतियां पहना ही पसंद करते हैं. इसके साथ ही आम दिनों में भी अधिकतर ग्रामीण लोग जूतियां पहला ही पसंद करते हैं. वहीं, पहले की तरह अब भी लोग शहरों में भी किसी खास अवसर पर जूतियां पहनकर निकलते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/201ba17507275ecd48c4504f0a1de0a8bf0b3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्राचीन काल से राजा महाराजा हो, या आमजन, पूरे परिधान के साथ पैरों में जूतियां पहना करते थे. कलात्मकता, खुबसुरत कसीदाकारी वाली जूतियां उस पर चार चांद लगा देती थी. फिर धीरे-धीरे समय बदला, जूतियों की जगह जूते चप्पलों ने ले लिए, परंतु आज भी शादी विवाह हो, त्योहारों का मौका सबसे ज्यादा जूतियां पहना ही पसंद करते हैं. इसके साथ ही आम दिनों में भी अधिकतर ग्रामीण लोग जूतियां पहला ही पसंद करते हैं. वहीं, पहले की तरह अब भी लोग शहरों में भी किसी खास अवसर पर जूतियां पहनकर निकलते हैं.
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![जोधपुर की जूतियां (मोजड़ी) बनाने वाले मोहन लाल गुर्जर ने बताया कि जोधपुर की जूतियां देश ही नहीं, दुनिया में प्रसिद्ध है. जीनगर समाज के लोग पीढ़ियों से जूतियां बनाने का काम कर रहे हैं. इस घरेलू उद्योग में महिलाओं का बड़ा सहयोग रहता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/c79cde88293d2834e7e10477149aa588fb692.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जोधपुर की जूतियां (मोजड़ी) बनाने वाले मोहन लाल गुर्जर ने बताया कि जोधपुर की जूतियां देश ही नहीं, दुनिया में प्रसिद्ध है. जीनगर समाज के लोग पीढ़ियों से जूतियां बनाने का काम कर रहे हैं. इस घरेलू उद्योग में महिलाओं का बड़ा सहयोग रहता है.
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![यहां जूतियां बनाने का काम घर-घर मे किया जाता है. इसके साथ ही विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है. बॉलीवुड के कलाकार हो या क्रिकेट की दुनिया के स्टार सभी सेलिब्रिटी यहां की जूतिया पहन चुके हैं. जब भी कोई सेलिब्रिटी या विदेशी जोधपुर आते हैं, तो जोधपुर की जूतियां जरूर खरीदते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/08ab5a8f6886a0afcfb97f3274f852c13126b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
यहां जूतियां बनाने का काम घर-घर मे किया जाता है. इसके साथ ही विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है. बॉलीवुड के कलाकार हो या क्रिकेट की दुनिया के स्टार सभी सेलिब्रिटी यहां की जूतिया पहन चुके हैं. जब भी कोई सेलिब्रिटी या विदेशी जोधपुर आते हैं, तो जोधपुर की जूतियां जरूर खरीदते हैं.
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![जूतियां के कारीगर व व्यापार करने वाले मोहनलाल गुर्जर ने बताया कि वैसे तो विदेशी जूतियां खरीदने आते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से एक ग्रुप खासतौर से जोधपुर आया था कि उन्हें जूतियां कैसे बनती है. ऑस्ट्रेलिया से आए ग्रुप में करीब 20 से ज्यादा विदेशी थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/e63511636fbdd47e649d3648f2295266471cf.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जूतियां के कारीगर व व्यापार करने वाले मोहनलाल गुर्जर ने बताया कि वैसे तो विदेशी जूतियां खरीदने आते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से एक ग्रुप खासतौर से जोधपुर आया था कि उन्हें जूतियां कैसे बनती है. ऑस्ट्रेलिया से आए ग्रुप में करीब 20 से ज्यादा विदेशी थे.
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![उन सभी ने जूतियां कैसे बनाई जाती है, यह सीखा और कुछ एक ने तो जूतियां बनाकर भी दिखाई. ऑस्ट्रेलिया से आए विदेशी ग्रुप में जूतियां बनाने का काम सिखाया. इस दौरान उन्होंने हर एक चीज को बारीकी से सीखा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/e2ac5212a0a543de3d29c3dc39feadf8c1d2e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन सभी ने जूतियां कैसे बनाई जाती है, यह सीखा और कुछ एक ने तो जूतियां बनाकर भी दिखाई. ऑस्ट्रेलिया से आए विदेशी ग्रुप में जूतियां बनाने का काम सिखाया. इस दौरान उन्होंने हर एक चीज को बारीकी से सीखा.
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![जूती निर्माता मोहनलाल गुर्जर ने बताया कि पिछले कुछ समय से जूतियों के प्रति लोगों का रुझान कम ही रहा हैं. जिस तरह से विदेशी जूतियां के प्रति अपना रुझान दिखा रहे हैं, उससे आने वाले समय में जूतियों का व्यापार और बढ़ेगा. यह जीनगर समाज के लिए बहुत खुशी की बात है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/26/2b71d6dc72f140a72472303db04333473b3a8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जूती निर्माता मोहनलाल गुर्जर ने बताया कि पिछले कुछ समय से जूतियों के प्रति लोगों का रुझान कम ही रहा हैं. जिस तरह से विदेशी जूतियां के प्रति अपना रुझान दिखा रहे हैं, उससे आने वाले समय में जूतियों का व्यापार और बढ़ेगा. यह जीनगर समाज के लिए बहुत खुशी की बात है.
Published at : 26 Mar 2023 07:01 PM (IST)
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