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Makar Sankranti: मकर संक्रांति से पहले राजस्थान में इन पतंगों की बढ़ी मांग, जानें- क्या है खासियत?
Makar Sankranti News: मकर संक्रांति के लिए रंग-बिरंगी पतंगों की बहुत मांग है. जोधपुर के अरशद बेलिम ने राजस्थानी संस्कृति को दर्शाती पेंटिंग वाली पतंगें बनाई हैं. जिनकी विदेश में भी मांग है.

राजस्थान की संस्कृति को दर्शाती पतंगों की मांग मकर संक्रांति से पहले बढ़ गई है.
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इस दिन पतंगबाजों की दीवानगी का पूरा जोश में देखने को मिलता है. नीले आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती काटती नजर आती हैं. हर साल पतंग की कई तरह की वैरायटी देखने को मिलती है अलग-अलग देश, राज्य और जिले में हर उम्र के लोग छतों पर पतंगें उड़ाते हैं.
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इस मकर संक्रांति के पर्व को लेकर पतंगबाजी के दीवानों के लिए एक हजार तरह की अलग-अलग वेरायटी की पतंग बाजार में उपलब्ध है. पतंगबाजी के शौकीन अरशद बेलिम पतंग बनाने का काम करते हैं. यह काम इनको विरासत में मिला है. इन्होंने अपने जीवन मे 1 इंच 25 फिट तक की पतंग बना चुके हैं. राजस्थानी संस्कृति को लेकर पेंटिंग कर पतंग बनाई है. इन पतंग की भारी डिमांड है.
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जोधपुर के रहने वाले अरशद बेलिम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और सलमान खान सहित कई प्रसिद्ध हस्तियों के साथ पतंग उड़ा चुके हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने पतंग व्यवसाय करने वाले लोगों की बहुत मदद की है. पतंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने हर संभव मदद की और वो खुद पतंगबाजी करते थे.
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उन्होंने बताया कि अपने जीवन में एक हजार से ज्यादा तरह की पतंगें बनाई और उडाई हैं. पतंगबाजी के चलते 40 से अधिक देशों में जा चुके हैं. जोधपुर की बनी पतंगें खास हैं. देश दुनिया में अलग ही पहचान रखती है.
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उन्होंने बताया कि देश की 33 स्टेट की अलग-अलग सांस्कृतिक पतंग की पेंटिंग और राजस्थान की संस्कृति को भी पेंटिंग से उकड़ी गई है. यह रंग-बिरंगी खूबसूरत पतंग आसमान में उड़ने के दौरान भारत और राजस्थान की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है.
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पतंग मेकर ने बताया कि 40 देशों की अलग-अलग पतंग भी बनाई जाती है. यह पतंगों की डिमांड देश में ही नहीं विदेश में लगातार बढ़ती जा रही है. पतंगबाजी के शौकीन अरशद की जीवनसाथी भी इंडोनेशिया मूल की काइट लवर है. दोनों की लव स्टोरी भी काइट फेस्टिवल के दौरान शुरू हुई. दोनों की पतंग आसमान में उड़ान भर रही है.
Published at : 09 Jan 2025 02:43 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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