In Pics: जोधपुर में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ी, फ्री पर्ची कटवाने की लिए दिखी लंबी लाइन
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत दवा, जांच और इलाज की फ्री सुविधा लागू की है. यहां तक कि मरीजों को कटने वाली पर्ची को भी फ्री किया गया है. मानसून की बारिश के बाद मौसमी बीमारियों से अस्पतालों में लंब लाइनें लगने लगी. मरीजों की लाइने डॉक्टर्स पर भी दबाव बढ़ रहा है. सरकारी अस्पताल में इलाज के लिये जाने वाले मरीजों के सामने सबसे बड़ी विडंबना लंबी-लंबी लाइनों की है. इन्हें पर्ची कटवाने से लेकर जांच करवाने तक लाइनों में खड़े रहना पड़ता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appजोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल सहित सरकारी अस्पतालों में मौसमी बीमारियां से ग्रसित मरीजो की भारी तादाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. बढ़ते मरीजो को देखते हुए अस्पताल प्रशासन भी मुस्तेद है. मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया किया जा रहा है.
मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि बारिश के बाद मौसम में हुए परिवर्तन के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीज भी बढ़ रहे हैं. खासतौर से मलेरिया , स्किन एलर्जी वायरल इनफेक्शन के मरीजों की तादाद बढ़ी है. उन्होंने बताया कि मरीजों को तुरंत इलाज दिया जा रहा है. मौसमी बीमारियों से बचने के लिए खासतौर से मक्खी मच्छर से बचाव जरूरी है. इनके जरिए बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.
सरकारी अस्पतालों में सीनियर सिटीजन वृद्ध मरीज भी पहुंच रहे हैं. उन्हें जांच और उपचार से पहले खुद लंबी लाइनों को पार कर पहले पर्ची कटवानी पड़ती है. जिससे सभी मरीज परेशान नजर आए. कई बीमार मरीज लाइन में खड़े नही. हो पाते हैं तो लाइन में बैठ जाते हैं. इस तरह की लाइनें आम दिनों में भी नजर आती है. सीनियर सिटीजन के लिए कोई अलग लाइन नहीं है. पर्चे के फ्री होने के बाद भी मरीजों को लंबी लाइन पार कर पर्ची कटवाने के लिए खड़ा होना पड़ता है.
लंबी लाइनों में ऐसे बुजुर्ग मरीज भी खड़े नजर आए जो हार्ट पेसेंट थे. जिस मरीज को इलाज की जरूरत है उस मरीज को लाइनों में खड़े होकर पर्ची कटवाना पड़ रहा है. ऐसे में कई मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि पर्ची काटने वाला अपनी मर्जी से पर्ची काट रहा है. कार्डिफ विभाग में लंबी लाइनो में खड़े मरीजों ने अपनी पीड़ा बताई. राज्य सरकार के द्वारा मरीजों के ट्रीटमेंट को लेकर 1 महीने से ज्यादा की दवाई नहीं लिखने के आदेश हैं. इसके बावजूद भी हर माह अस्पताल जाना पड़ता है जिससे मरीजों को असुविधा होती है. सबसे बड़ी परेशानी पर्ची कटवाने को लेकर हो रही है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -