Jodhpur Rain: आसमानी 'आफत' से बढ़ी लोगों की परेशानी, तस्वीरों में देखें मंजर
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े जिले जोधपुर में बुधवार को तीसरे दिन लगातार बारिश का दौर जारी है. हालांकि आज भी बारिश हो रही है लेकिन मूसलाधार बारिश नहीं होने के चलते लोगों को काफी राहत मिली है. बता दें कि सोमवार की रात और मंगलवार की सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने शहर को तालाब में तब्दील कर दिया. यहां की सड़कें नदियां बन चुकी हैं. कुदरत के इस सैलाब के आगे हर कोई मजबूर नजर आ रहा है.
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View In Appजोधपुर में मूसलाधार बारिश के चलते निचले इलाके पानी से जलमग्न हो गए. मंगलवार की सुबह एबीपी न्यूज ग्राउंड जीरो पर पहुंचा और वहां पर जिन लोगों से बात की उस दौरान जो पानी था आज बुधवार को पानी थोड़ा हल्का और नीचे उतरा है. लेकिन लोगों तक प्रशासन की कोई मदद नहीं पहुंची है. आरसीए के चेयरमैन वैभव गहलोत आज जोधपुर के दौरे पर हैं. जैसे ही इस रूप नगर कॉलोनी के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत ही जिला कलेक्टर से बात कर हालात को सही करने के लिए कहा. फोन जाते ही प्रशासन अलर्ट हुआ और अधिकारी मौके पर पहुंचना शुरू हो गए.
सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र के रूप नगर कॉलोनी में 130 परिवार रहते हैं. यह पूरी कॉलोनी जलमग्न हो गई है. इस कॉलोनी में 4 फीट तक पानी भर गया, जिससे लोगों के घरों में पड़े सामान खराब हो गए. घरों में छोटे बच्चे और परिवार वाले ठीक से सो तक नहीं पा रहे हैं. यहां रहने वाली हर्षिता ने बताया कि हम लोग सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी, मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट किया, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ट्वीट किया, जोधपुर जिला कलेक्टर को ट्वीट किया लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली. आज दूसरा दिन है किसी भी तरह की हमको सहायता नहीं मिल रही है.
हर्षिता ने आगे बताया कि हमारे घरों का समान खराब हो रहा है, गाड़ियां पानी में डूबी हुई हैं. सोशल मीडिया से और फोन करने पर जिम्मेदार उठाते नहीं हैं. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी मदद हो. वहीं ज्ञान कंवर ने बताया कि घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं, वह घर से बाहर नहीं जा सकते. हमें ध्यान रखना पड़ रहा है, मानो जैसे हम लोग पानी के बीच में कैद हो गए हैं. अंडर ग्राउंड में पानी भरा हुआ है कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा है, पानी लगातार बढ़ रहा है.image 4
एक दूसरे शख्स दिलीप सिंह ने बताया कि यहां पर कोई भी मदद करने नहीं आ रहा है. अधिकारी आते हैं और दूर से देख कर चले जाते हैं, सिर्फ फॉर्मेलिटी कर रहे हैं. धरातल पर किसी तरह का काम नहीं किया जा रहा है. कोई भी सुध नहीं ले रहा, हमें तो यह लगता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में अधिकारी उनकी भी नहीं सुन रहे हैं.
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