Rajasthan: जोधपुर में सैनिकों के लिए खास मटेरियल के जूतों पर हो रहा रिसर्च, माइनस 50 डिग्री में करेंगे काम
राजस्थान के जोधपुर के फैशन डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खास तरह के जूते की डिजाइन को लेकर रिसर्च चल रहा है. जोधपुर का सेंटर आफ एक्सीलेंस देश का दूसरा रिसर्च सेंटर है, जहां पर हाई टेक्नोलॉजी की मशीनों के साथ रिसर्चर मेडिकल डिसऑर्डर के पेसेंट और देश के सैनिकों के लिए खास तरह के जूतों पर रिसर्च कर रहे हैं.
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View In Appइससे जल्द ही मेडिकल डिसऑर्डर मरीज और देश के सैनिकों को राहत मिलेगी. फैशन डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा FDDI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को जोधपुर में बनाया गया है.
यहां मेडिकल डिसएबल या डायबिटीज के पेशेंट के लिए खास तरह के पदार्थ और डिजाइन के जूते तैयार करने के प्रोजेक्ट का रिसर्च चल रहा है. दरअसल किसी मरीज के अनुसार उसके जूते का प्रोडक्शन किया जा सके, इसके लिए रिसर्च चल रहा है.
अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हमारे देश के सैनिकों व अर्ध सैनिक बलों के जवानों के लिए 50 से 55 डिग्री गर्मी के टेंपरेचर में और माइन्स 50 डिग्री टेंपरेचर में तैनाती के दौरान किस तरह के मटेरियल के जूते बनाए जाए, इसको लेकर भी हमारे यहां पर रिसर्च चल रहा है.
दरअसल देश के सैनिक बल और अर्ध सैनिक बल रेगिस्तान में 50 से 55 डिग्री की भीषण गर्मी के बीच देश की सुरक्षा के लिए सरहदों पर तैनात रहते हैं. वहीं दूसरी ओर ग्लेशियर के चीन बॉर्डर के पास माइंस 50 डिग्री के टेंपरेचर में सरहदों की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं. अब उन सैनिकों के लिए खास मटेरियल के जूते को लेकर रिसर्च चल रहा है, जो जल्द पूरा होने वाला है.
फैशन डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इसका हमारे इंस्टिट्यूट का उद्देश्य चार चीजों पर आधारित है. हम लोग डिजाइन कोर्स भी चलाते हैं. दूसरा मॉडल की फैशन डिजाइनिंग के साथ हम मटेरियल टेस्टिंग पर भी काम करते हैं. इस टेस्टिंग के उद्देश्य को लेकर रिसर्च और डेवलपरमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस खास उद्देश्य के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस का निर्माण जोधपुर में किया गया है.
फैशन डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इसका हमारे इंस्टिट्यूट का उद्देश्य चार चीजों पर आधारित है. हम लोग डिजाइन कोर्स भी चलाते हैं. दूसरा मॉडल की फैशन डिजाइनिंग के साथ हम मटेरियल टेस्टिंग पर भी काम करते हैं. इस टेस्टिंग के उद्देश्य को लेकर रिसर्च और डेवलपरमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस खास उद्देश्य के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस का निर्माण जोधपुर में किया गया है.
अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रिसर्च के लिए 3D स्कैनर के साथ हाई टेक्नोलॉजी की मशीन को इंस्टॉल किया गया है. अगर किसी मरीज को मेडिकल डिसऑर्डर के अनुसार उसकी अलग जरूरत है, तो उसकी जरूरत डॉक्टर की रिकमेंडेशन के अनुसार पूरी की जा सके.फुटवियर में इसके लिए हमारे रिसर्चर रिसर्च कर रहे हैं. अलग-अलग मरीजों के लिए अलग-अलग मटेरियल है. इसका भी रिसर्च जल्द पूरा होने वाला है, उसके बाद मेडिकल डिसऑर्डर मरीज और डायबिटीज के मरीजों के पैरों के लिए खास तरह के जूते तैयार किए जाएंगे, जिससे उन मरीजों को राहत मिलेगी.
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