Sukhdev Singh Gogamedi: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच के लिए SIT गठित, जयपुर सहित कई शहरों में प्रदर्शन
Karni Sena Sukhdev Singh Gogamedi Murder: राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर को हत्या कर दी गई. जिसके चलते करणी सेना, राजपूत समाज और अन्य समाज गुस्से में है.
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View In Appगोगामेड़ी के समर्थक बड़ी संख्या में जयपुर और राजस्थान के कई जिलों में धरने पर बैठे हैं. इसके साथ ही उनके समर्थक मेट्रो अस्पताल से बाहर भी धरने पर बैठे हैं. यह वह अस्पताल है, जहां पर सुखदेव सिंह को गोलियां लगने के बाद लाया गया था.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद करणी सेना ने राजस्थान बंद का ऐलान किया, जिसका असर राजस्थान के कुछ जिलों में साफ दिख रहा है. खासतौर पर जयपुर और जोधपुर में करणी सेना का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.
करणी सेना के अध्यक्ष की मौत के बाद से ही उनके समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या से करणी सेना, राजपूत समाज और अन्य समाज भी काफी आक्रोशित है. बुधवार सुबह जोधपुर की सड़कों पर राजपूत समाज के युवाओं ने रैली निकाल कर शहर के सभी मार्केट बंद करवाए.
जोधपुर शहर के गली चौराहों पर भारी तादाद में गोगामेड़ी के समर्थक तैनात रहे और आरोपियों को फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं. उनके समर्थक चौराहे पर टायर चला कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित किया गया है.
बता दें कि करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. जिसके बाद राजस्थान में उनके समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का नाम तब सबसे ज्यादा चर्चा में आया था जब साल 2018 में आई रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावत का विरोध हुआ था. तब करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर के इस फिल्म पर बैन लगवाने की मांग की थी. पद्मावत के बहिष्कार में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का अहम रोल था.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के समर्थकों का कहना है कि उनको लगातार धमकियां मिल रही थी. वह पिछले एक साल से प्रशासन को शिकायत कर रहे थे और अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे थे. प्रशासन ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया और उनके घर में ही उनकी हत्या कर दी गई.
फिल्म 'पद्मावत' का राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने विरोध किया था और ये संगठन चर्चा में आया था. जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम से एक अलग ही संगठन बना लिया था. सुखदेव खुद इस संगठन के अध्यक्ष बने थे. हालांकि, साल 2021 में दोनों संगठनें फिर से एक हो गए.
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