Chambal River Front: अद्वितीय कला का संगम है कोटा का चम्बल रिवर फ्रंट, देखिए इसकी मन मोह लेने वाली तस्वीरें
कोटा शहर कोचिंग नगरी, उद्योगिक नगरी के रूप में अपनी पहचान रखता है. अब इसकी पहचान पर्यटन नगरी के रूप में भी होने जा रही है.
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View In Appकोटा का चम्बल रिवर फ्रंट दुनिया में एक अजुबा साबित होगा. ये कई विश्व रिकॉर्ड अपने में समाए हुए है. आर्किटेक्ट का यह नमूना देशभर में अद्वितीय है.
कोटा में विकास के साथ पर्यटन, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण के साथ नदी के सौंदर्यकरण जैसे कार्य किए गए हैं.
12 सितम्बर को 125 पंडित पहली बार चम्बल माता की 225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति की पूजा करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे.
कोटा में देशभर के लाखों कोचिंग विद्यार्थियों और उनके अभिभावक यहां आते हैं. इसकी खूबसूरती को वह देश भर में पहुंचाएंगे.
चम्बल रिवरफ्रंट के जवाहर घाट पर विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है. यहां 22 घाटों की अपनी अलग विशेषता है.
दुनिया का सबसे बड़ा नन्दी भी यहां बना है. चम्बल रिवर फ्रंट में एक बगीचे में वृंदावन में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है और बुलन्द दरवाजे से ऊंचा दरवाजा बनाया गया है.
यहां राजपूताना घाट पर राजस्थान के 9 क्षेत्रों की वास्तुकला और संस्कृति को दशार्या गया है. मुकूट महल में 80 फीट ऊंची छत है, यहां पर सिलिकॉन वैली भी है.
ब्रह्मा घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है, जिसकी 8 किमी दूर तक आवाज जाएगी और एलईडी गार्डन देश का पहला गार्डन है.
यहां साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं. एक घाट पर शीश महल, मीनार, फाउंटेन भी है.
टा में 6 किमी लंबा रिवरफ्रंट बनाया गया है, जिस पर 1400 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसका निर्माण पूर्ण हो चुका है.
मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के सभी मंत्री, 98 विधायक और कई अतिथि इसके उद्घाटन के साक्षी बनेंगे. साथ ही दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह का कार्यक्रम होगा साथ ही अन्य कलाकार भी अपनी प्रस्तिुति देंगे.
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