Kota News: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ बसाने की फिर उठी मांग, पर्यावरणप्रेमियों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
कोटा में लंबे समय से बाघों का इंतजार कर रहे पर्यावरण प्रेमियों व प्राकृतिक प्रेमियों ने अब मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघ बसाने के लिए बडे आंदोलन की चेतावनी दी है. एक बार फिर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ बसाने की मांग उठाई है. दरा स्टेशन पर बाघ चौपाल में वन्यजीव प्रकृतिप्रेमियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी अभ्यारण क्षेत्र में बाघ बसाने के लिए सबसे बड़े आंदोलन-अभियान की शुरूआत कोटा जिले के दरा से होगी.
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View In Appपर्यावरणप्रेमियों ने कहा कि प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन के विकास और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों को आबाद करने की आवश्यकता है.
वन्यजीव प्रेमियों ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बाघों को बसाने के मामले में लगातार उपेक्षित हो रहा है. टाइगर रिजर्व की उपेक्षा का आलम यह है कि कुछ समय पहले तक यहां चार बाघ-बाघिन और उनके शावक थे. लेकिन विभागीय स्तर पर अपनाए गए नकारात्मक रवैया के कारण इनमें से तीन बाघ-बाघिन और शावक असमय मौत के शिकार हो चुके हैं, जबकि इकलौती बाघिन एमटी-4 इस टाइगर रिजर्व में एकाकी जीवन जीने को मजबूर है.
पगमार्क फाउंडेशन और हम लोग संस्था की ओर से आयोजित 'बाघ चौपाल' में मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व क्षेत्र के विस्थापन में आ रहे गांवों व आसपास के 21 गांवों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के संयोजक और पगमार्क फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाडा ने चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि मुकुंदरा हिल्स समस्त हाडोती की धरोहर व लोगों की आशा का केन्द्र है. यहां स्थापित सभी गांव के लोग आंदोलन के लिए तैयार हैं.
'हम लोग' संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स की उपेक्षा कर नए टाइगर रिजर्व को तवज्जो देना किसी हद तक सही नहीं है, लेकिन जब सब लोग साथ आएंगे तो मुकुंदरा को आबाद होने से भी कोई नही रोक सकता. मुकुंदरा संघर्ष सीमित के अध्यक्ष कुंदन चीता ने कहा कि सरकार मुकुंदरा को जल्द आबाद करें, नहीं तो बाघ बसाने की मांग को लेकर दरा से ही देश का सबसे बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा. सरकार समय रहते यहां बाघों को बसाए ताकी सालों से चली आ रही मांग पूरी हो सके और मुकुंदरा आबाद हो सके.
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