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एक साथ झुके हजारों सिर, कोटा में ईद की नमाज के बाद नेताओं और पुलिस प्रशासन ने दी मुबारकबाद
Kota Eid Mubarak 2024: कोटा में किशोरपुरा ईदगाह में ईद की मुख्य नमाज अदा की गई और मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई. इसके साथ ही लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी.
![Kota Eid Mubarak 2024: कोटा में किशोरपुरा ईदगाह में ईद की मुख्य नमाज अदा की गई और मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई. इसके साथ ही लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/8a1c2cf34c54a02923e4c1cc8d897c4d1712835330813694_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी
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![कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल भी ईदगाह के पास पहुंचे और लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. कोटा में यह परंपरा है कि जिला प्रशासन शहरकाज को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देता चला आ रहा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/72b6de074fb605f9c57aee883f06e540438e2.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल भी ईदगाह के पास पहुंचे और लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. कोटा में यह परंपरा है कि जिला प्रशासन शहरकाज को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देता चला आ रहा है.
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![इस अवसर पर शहर काजी जुबेर अहमद ने कहा कि रमजान का महीना खत्म होने पर ईद आती है. जिसे ईद उल फितर कहते हैं. आज खुशी का दिन है, यानी एक महीने तक जो रोजे रखे गए भूखे प्यासे रहकर वह क्वालिटी इंसानी तकरीर पैदा की है, ताकि इंसान यह जान सके कि जो दूसरा तबका है जो भूख प्यास रहता है, उसकी भूख और प्यास क्या है? वह एहसास अपने अंदर पैदा करना, हमें जरूरी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/28d56328b1e078bebc43d9426ec9517695cc8.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस अवसर पर शहर काजी जुबेर अहमद ने कहा कि रमजान का महीना खत्म होने पर ईद आती है. जिसे ईद उल फितर कहते हैं. आज खुशी का दिन है, यानी एक महीने तक जो रोजे रखे गए भूखे प्यासे रहकर वह क्वालिटी इंसानी तकरीर पैदा की है, ताकि इंसान यह जान सके कि जो दूसरा तबका है जो भूख प्यास रहता है, उसकी भूख और प्यास क्या है? वह एहसास अपने अंदर पैदा करना, हमें जरूरी है.
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![एक इंसान एक इंसान के लिए इंसान से मोहब्बत करने वाला बन सकता है कि जब वह दूसरों की भूख प्यास वह अपने अंदर उसके जज्बे को पैदा कर सके उसे एहसास को पैदा कर सके उसे इंसान की क्या जरूरत है उसकी नीड को पूरा कर सके इसलिए हर इंसान अपने अंदर वह क्वालिटी पैदा करें जो आदेश इस्लाम में दिया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/1a5d91b24b0f2262171c6e57c44679ef14632.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक इंसान एक इंसान के लिए इंसान से मोहब्बत करने वाला बन सकता है कि जब वह दूसरों की भूख प्यास वह अपने अंदर उसके जज्बे को पैदा कर सके उसे एहसास को पैदा कर सके उसे इंसान की क्या जरूरत है उसकी नीड को पूरा कर सके इसलिए हर इंसान अपने अंदर वह क्वालिटी पैदा करें जो आदेश इस्लाम में दिया गया है.
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![उन्होंने कहा कि आप भलाई को अपनाएं और बुराई को त्यागे. सबसे बड़ी भलाई यह है कि वह इंसान की खिदमत करना सीखे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/0034379ecc610b6697f5ecce8f9732181bddb.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने कहा कि आप भलाई को अपनाएं और बुराई को त्यागे. सबसे बड़ी भलाई यह है कि वह इंसान की खिदमत करना सीखे.
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![इंसानों की खिदमत वह जब करेगा जब वह इंसान से मोहब्बत करने वाला होगा. जब तक खिदमत का जज्बा पैदा नहीं होगा जब तक मोहब्बत नहीं होगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/314ca7a1108f9c7218f639695667f4d60326f.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इंसानों की खिदमत वह जब करेगा जब वह इंसान से मोहब्बत करने वाला होगा. जब तक खिदमत का जज्बा पैदा नहीं होगा जब तक मोहब्बत नहीं होगी.
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![कोटा में ईद का पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है, लोग एक दूसरे के घर पहुंचकर ईद की मुबारकबाद दे रहे हैं, छोटों को ईदी दे रहे हैं, सुबह से ही ईद के पर्व का माहौल देखते ही बन रहा है. मुस्लिम समाज के लोग पारम्परिक परिधान में दिखाई दे रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/76f75a4e9a590d040d4e78dba32baf2687e8b.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोटा में ईद का पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है, लोग एक दूसरे के घर पहुंचकर ईद की मुबारकबाद दे रहे हैं, छोटों को ईदी दे रहे हैं, सुबह से ही ईद के पर्व का माहौल देखते ही बन रहा है. मुस्लिम समाज के लोग पारम्परिक परिधान में दिखाई दे रहे हैं.
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![मुस्लिम समाज के लोग पारम्परिक परिधान में दिखाई दे रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/11/405248e02cce94b6b4b49618a3c77056604b2.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मुस्लिम समाज के लोग पारम्परिक परिधान में दिखाई दे रहे हैं.
Published at : 11 Apr 2024 06:27 PM (IST)
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