Kota: विश्व मानचित्र पर स्थापित हो गया कोटा, तस्वीरों में देखिए यहां के रियासतकालीन के ऐतिहासिक दरवाजे
गौरवशाली इतिहास और कला संस्कृति के लिए अपनी पहचान रखने वाले राजस्थान के कोटा शहर में ऐसे कार्य हुए हैं, जो देश में कहीं देखने को नहीं मिलेंगे. कोटा अब पर्यटन के साथ अन्य क्षेत्रों में विश्व मानचित्र पर खुद को स्थापित कर चुका है.
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View In Appकोटा में ऐसे कई कार्य हुए जो विरासत को बचाते हुए आधुनिकता का समावेश कर लोगों के जीवन स्तर पर तेजी से बदलाव लाएंगे. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने ऐसे कई प्रोजेक्ट को जनता के सुपुर्द कर दिया. वह तीन दिन के कोटा दौरे पर हैं और सरकार द्वारा कराए जा रहे कार्यों का लोकार्पण कर रहे हैं.
मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही कोटा को सुविधाओं और पर्यटन के क्षेत्र में देश के अग्रणी शहरों में शामिल करने के उद्देश्य से विकास का जो लक्ष्य निर्धारित किया था वह पूर्ण हो गया है.
उन्होंने कहा कि कोटा शहर अब विश्व मानचित्र पटल पर स्थापित हो चुका है. जल्द ही विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों की भी सौगात कोटा को मिलने जा रही है. यूआईटी ने कला दीर्घा के पास स्थित हाट बाजार का 4.50 करोड़ रुपये से नवीनीकरण कराया है. अब पूरे हाट बाजार का लुक बदल चुका है.
इसमें प्राचीन बावड़ी भी खूबसूरत नजर आने लगी हैं. न्यास सचिव राजेश जोशी ने बताया कि आकर्षक हाट बाजार विकसित किया गया है. इसमें 25 दुकानों का निर्माण किया गया है. परिसर में खूबसूरत पार्क विकसित किया गया है. ज्वाला तोप लगाई गई हैं.
यहां ओपन ऑडिटोरियम और मंच बनाया गया है, जिसमें कार्यक्रम हो सकेंगे. प्रवेश के दो बड़े गेट बनाए गए हैं. आधुनिक लाइब्रेरी में बड़ी कलम- दवात का लोगो के साथ आर्कषक लाइट लगाई गई हैं. लाइटिंग होने से रात में यह आकर्षक लगता है. हाट बाजार में समय-समय पर उद्योग मेला, कोटा मेला होते रहे हैं. जल्दी ही इसमें आयोजन शुरू होंगे.
कोटा का परकोटा व विशाल दरवाजे भी हॅरिटेज को बरकरार रखते हुए वर्षों तक उपेक्षा झेल चुके हेरिटेज को नया जीवन मिल गया है. रियासतकालीन प्रवेशद्वारों का रूप निखारा गया है. अब ये दरवाजे पर्यटकों को आकर्षित करने लगे हैं.
नगर विकास न्यास ने यहां का कायाकल्प करवाया है. लाडपुरा ,सूरजपोल, पाटन पोल और किशोरपुरा के ऐतिहासिक दरवाजों में आकर्षक चित्रकारी और दीवारों पर वहीं हाथी के स्वरूप उकेरे गए हैं. कछ घोड़े के स्वरूप दरवाजों पर नई आकर्षक छतरियां बनाई गई है. मरम्मत और रंग रोगन कर प्राचीन वैभव को लौटाया गया है.
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