In Photos: घर को बना दिया जंगल, पेड़ पौधों पर आने लगे पक्षी, एक ही घर में करीब 5 हजार पौधे, देखें तस्वीरें
पर्यावरण संरक्षण की बातें तो बहुत होती हैं. पेड़ पौधे लगाए जाने को लेकर लेक्चर भी बहुत होते हैं. संदेश भी दिए जाते हैं, लेकिन धरातल पर काम कम होता है.
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View In Appवहीं कुछ पर्यावरण प्रेमी ऐसे हैं जो पौधों से इतना प्यार करते हैं कि उन्होने अपने घर को ही जंगल बना दिया. ऐसे ही पर्यावरण प्रेमी हैं श्रद्धा और अमित ठाकुर
अब तो आस पड़ोस के लोग भी इनके घर पेड़ पौधों को देखने और सलाह लेने आने लगे हैं. श्रद्धा और अमित के घर में ही प्रकृति का बसेरा हो गया
खास बात ये है कि आज तक इन्होंने अपने ही घर में पेड़ों की कटिंग तक नहीं की. यही नहीं इस छोटे से जंगल में अब तो पक्षियों का बसेरा भी होने लगा है.
इतना ही नहीं पक्षी यहां अपनी प्रजनन क्रिया भी कर रहे हैं. इस छोटे से जंगलनुमा घर को संचालित करने वाली श्रद्धा और अमित ठाकुर बताते हैं कि उन्होंने करीब 7 साल पहले कुछ पौधों से इसकी शुरूआत की थी.
अब यहां पांच हजार पौधे घर की शान बढा रहे हैं. वो बताते हैं कि उन्होंने मुख्य गेट से लेकर बाहर के दरवाजे, खिड़की, बालकनी, बैठक का स्थान, कमरे और रसाई तक में पौधे लगा रखे हैं.
उन्होंने दीवारों पर भी गमले लटका दिए हैं. वो जब भी कहीं किसी कार्यक्रम में जाते हैं, तो एक पौधा साथ लेकर जाते हैं और वही गिफ्ट देते हैं.
श्रद्धा और अमित कहते हैं कि गुलदस्ते को लोग एक दो घंटे बाद वहीं फैंक कर चले जाते हैं, लेकिन पौधे को घर ले जाते हैं और उसकी देखरेख भी करते हैं.
श्रद्धा और अमित कहते हैं कि यदि एक व्यक्ति भी पर्यावरण के प्रति जागरुक होता तो उनका उद्देश्य सफल हो जाता है.
श्रद्धा ठाकुर ने बताया कि हमने यहां मिठा नीम, मोगरा, मनी प्लांट, अजवाइन, हर्बल प्लांट, हार श्रंगार, परिजात, पडिनियम, गुलदावदी, डेंटस, बिटूनिया, केलेंचुला, हजारे, गुलाब, ग्वारभाटा, गैंदा, स्पाइडर, जेड प्लांट, क्रिसमस ट्री, पाम, चम्पा और सीजनेबल कई तरह की तुलसी सहित सैंकड़ो देशी और विदेशी वैरायटी लगा रखी है.
उन्होंने कहा कि इस पूरे गार्डन में एक भी केकटस नहीं हैं. वह कहते हैं कि कांटे नहीं उगाए जाते. इसके साथ ही कई बड़े पेड़ भी घर के बाहर लगा रखे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पहले तो कुछ समय तक पक्षी आते और चले जाते थे.
अब कुछ पक्षी यहां नियमित आते हैं, हरियाली के साथ उनके दाना पानी की व्यवस्था होने से वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ पक्षी तो दरवाजे के पास आकर अंदर आने के लिए चेचहाते हैं, आवाज लगाते हैं. दो तोते तो ऐसे हैं जो घर के अंदर ही घूमते रहते हैं और रसोई तक पहुंच जाते हैं.
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