In Pics: कोटा के स्वांग में दिखा देश-विदेश की झलकियां, जमकर थिरके किन्नर, देखें तस्वीरें
राजसी वैभव और राजस्थानी लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें न्हाण खाड़ा अखाड़ा चौबेपाड़ा की बारह भाले की सवारी में ताजा हो उठी. सजे-धजे अश्वों पर सवार राजसी परिधान पहने अमीर उमरावों के साथ स्वांगों की अठखेलियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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View In Appइससे पहले स्वांग लाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया. बच्चों और युवाओं की टोलियां स्वांग धरकर बाजारों में लोगों का मनोरंजन करते नजर आए. दाऊजी मंदिर से शुरू हुई बारह भाले की सवारी, होली का चौक, जामा मस्जिद, पुराना बाजार होते हुए खाड़ा परिसर पहुंची.
यहां मां ब्रह्माणी की पूजा अर्चना के साथ सवारी का समापन हुआ. सवारी देखने इस बार भी लोगों की भीड़ उमड़ी थी. सवारी मार्ग पर मकानों और दुकानों की छतें लोगों से ठसाठस भरी रही.
भीड़ के चलते स्वांगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. इस बार भी स्वांग में जहां देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं को दर्शया गया तो व्यंग भी किए गए.
सवारी में बैंडबाजे पर बजते ल्यो जी थांकी कूंच्या मूं तो सांगोद जारी छुं, न्हाण भरयो छ खाड़ा को मूं देख आउली..., बोल शंकरया रे...नगीनों म्हारों गुम ग्यो रे... जैसे पारम्परिक गीतों पर ठुमके लगे.
इसके साथ ही हिन्दी रिमेक्स गीतों पर भी युवाओं ने जमकर ठुमके लगाये. किन्नरों ने भी अपने नृत्यों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इससे पहले किन्नरों ने मां ब्रह्माणी की पूजा अर्चना भी की.
सवारी में कोड़े मारते युवाओं के स्वांग ज्यादा रहे. लुहार परिवार के साथ सांटियों की लड़ाई, फकीर, लैला-मजनू, सेठ-सेठानी, भीड़ को हटाने के लिए कोढे बरसाते युवक जैसे परंपरागत स्वांगों के साथ डीजल में सने युवाओं को कोढ़े मारते स्वांग अधिक रहे.
सैनिक, रानी लक्ष्मी बाई बने बच्चों ने लोगों का ध्यान खींचा. डकैत और दबंग पुलिस अधिकारी के स्वांग आकर्षक रहे. आज (13 मार्च) शाम बादशाह की सवारी के साथ न्हाण लोकोत्सव का समापन होगा.
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