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In Pics: रोमांच से भर देगी कुम्भलगढ़ की जंगल सफारी, 22 किमी लंबे ट्रैक पर पर्यटक देख पाएंगे वन्यजीव, देखें तस्वीरें
कुम्भलगढ़ जंगल में सफारी करने के लिए 2 से 2.30 घंटे का समय लगता है और इन ढाई घंटे में आपको कई वन्यजीव देखने को मिलते हैं. ट्रैक पूरा करने के बाद देशी कुल्हड़ चाय का जंगल के बीच लुफ्त उठा सकते हैं.

(कुम्भलगढ़ जंगल सफारी)
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Rajasthan News: कई पर्यटक घने जंगलों में जाने और वहां के रोमांच का आनंद उठाने का प्लान बनाते हैं. ऐसे में सबसे बेस्ट लोकेशन है राजस्थान का उदयपुर संभाग जहां प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल तो है ही साथ ही यही एक मात्र एरिया हैं जहां 6 अभ्यारण्य है.
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इन अभ्यारण्य में भी सबसे बेहतर है कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य है. 10 हजार हैक्टेयर में यह अभ्यारण्य फैला है. यहा की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां जंगल सफारी भी होती है. वहीं यह सफारी बारिश का मौसम जाने के बाद शुरू हो चुकी है.
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कुम्भलगढ़ अभ्यारण्य की खासियत यह है कि यहां इसे देखने आने वाले विशाल कुम्भकगढ़ किले को भी देख सकते हैं. इसके बाद सफारी का लुफ्त उठा सकते हैं. घने जंगल के बीच 20 किलोमीटर का यह ट्रैक आपको अलग ही दुनिया में ले जाएगा.
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कई जगह तो ऐसा दिखेगा जहां सूरज की किरणें जमीन को नहीं छूती है. वहीं एक बार सफारी करने के लिए 2 से 2.30 घंटे का समय लगता है और इन ढाई घंटे में आपको कई वन्यजीव देखने को मिलते हैं. यहीं नहीं 22 किलोमीटर का ट्रैक पूरा करने के बाद ठंडी हवाओं में बैठकर देशी कुल्हड़ चाय का जंगल के बीच लुफ्त उठा सकते हैं. ट्रैक में 11 किमी बाद वन विभाग की वन चौकी आती है. यहां सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा चाय परोसी जाती है.
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यहां पर जंगल सफारी दिन में दो बार होती है. पहली सुबह 6-9 बजे तक प्रवेश और दूसरी दोपहर 3 से 4.30 बजे तक प्रवेश होता है. जंगल सफारी में 6 व्यक्तियों के लिए एक जिप्सी गाड़ी बुक होती है जिसके जिसके लिए 3725 रुपये चार्ज किये जाते हैं. यहां पैंथर, भालू, भेड़िया, जरख, सांभर, चीतल, चिंकारा, चौसिंघा, जंगली सुअर, मोर, लंगूर, भारतीय लोमड़ी, काली पूंछ वाला भारतीय अजगर, ग्रीन मुनिया, ग्रे जंगल फाउल यानी जंगली मुर्गा, स्पर फाउल, पैंगोलिन, पोरक्यूपाइन, सहित कई वन्यजीव हैं.
Published at : 03 Nov 2022 07:51 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion