Ramdev Pashu Mela: नागौर में आज से रामदेव पशु मेले की हो रही शरुआत, पशुओं की धमक देगी सुनाई, देखें तस्वीरें
नागौर (Nagaur) जिले में विश्वस्तरीय रामदेव पशु मेला (Ramdev Pashu Mela) 10 फरवरी से शुरू हो रहा है. इस पशु मेले का शुभारंभ जिला कलेक्टर अमित यादव करेंगे. पशुपालन विभाग की ओर से मेला स्थल की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा चुका है. इस विश्व स्तरीय पशु मेले को लेकर पशुपालकों में काफी अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है.
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View In Appमेला स्थल पर पशुओं की भारी मात्रा में आवक भी शुरू हो चुकी है. इस विश्व स्तरीय पशु मेले में पशुओं की कई अलग-अलग नस्ले पहुंच रही हैं. जिला कलेक्टर अमित यादव ने बताया कि विश्व स्तरीय रामदेव पशु मेले की शुरुआत एक समारोहपूर्वक जाएगी.
जिला कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए पशुपालन विभाग मेला मैदान में आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने के साथ ही यहां की साज सज्जा और इसे रंग बिरंगे टेंट से सवारने में जुटा हुआ है. पशु मेले के मुख्य प्रवेश द्वार के साथ ही झंडा रोहण स्थल तैयार किया गया है. मेला मैदान में पशुपालकों के खाने के इंतजाम के साथ अन्य दुकानें भी लगाई गई हैं.
उन्होंने बताया कि मेला मैदान की दुकानों में पशुओं से संबंधित साज सज्जा की सामग्री के साथ ही कृषि से संबंधित उपकरणों की दुकानें भी शामिल हैं. वहीं पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ महेश कुमार मीणा ने कहा कि मेला मैदान में सरकारी विभागों की ओर से लगाई जाने वाली प्रदर्शनियों की जगह पर भी सुंदर और खूबसूरत टेंट लगाए गए हैं.
महेश कुमार मीणा ने कहा कि इस विश्व स्तरीय पशुओं के मेले के मैदान में प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसके साथ ही पशुपालन विभाग की ओर से पूरे मेला परिसर में पशुओं से संबंधित जानकारी के अलावा मेले की व्यवस्था से संबंधित और सुविधाओं के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए जाएंगे. मेला परिसर में पशुओं के चारा और पानी की पूरी व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए पानी के खेली बनाई गई है, जिसमें पशुओं के लिए पानी भरा गया है. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ महेश कुमार मीणा ने कहा कि विश्व स्तरीय रामदेव पशु मेले में प्रदेश सहित अन्य राज्य से भी पशुओं की भारी मात्रा में आवक जारी है. आने वाले सभी पशुओं को सरकारी रजिस्टर में इंद्राज किया जाएगा.
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक बताया कि इसके लिए कुल सात चौकियां बनाई गई हैं. सभी जगह पर कर्मचारी नियुक्त किये जा चुके हैं. अभी तक सैकड़ों की तादाद में पशु यहां पर पहुंच रहे हैं. इसमें घोड़े, गोवंश, ऊंट, भेड़, बकरी सहित अन्य पशु पहुंच चुके हैं.
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