IN Pics: अपनों को खो चुके बच्चों से दीपावली पर मिले सीएम अशोक गहलोत, कहा- राजस्थान मेरा परिवार
दिवाली के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों से शुक्रवार को जयपुर स्थित सीएम आवास में मुलाकात की. उन्होंने प्रदेशभर से आए 200 से अधिक बच्चों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए उनका हाल-चाल जाना और समस्याओं को सुना. सीएम ने मासूमों को गोद में लेकर उन्हें दुलार किया और उनके साथ भोजन किया. छोटे बच्चों को अपने हाथों से खाना खिलाया और उपहार भेंट किए. बच्चों के सिर पर आत्मीयता का हाथ रखकर यह भरोसा जताया कि वे उनके अभिभावक हैं.
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View In Appमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान प्रदेश मेरा परिवार है. यहां का हर प्रदेशवासी मेरे परिवार के सदस्य की तरह है. प्रदेश का मुखिया होने के नाते मेरा दायित्व बनता है कि मैं हर छोटे-बड़े सदस्य का साथ दूं, उन्हें स्नेह और प्यार दूं. कोविड के कारण हमारे प्रदेश के कई युगल (पति-पत्नी) दुनिया को अलविदा कह गए. उन सभी के बच्चों का ख्याल रखना राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है. इसी सोच के साथ बच्चों को सीएम हाउस बुलाया गया.सीएम ने कहा कि इन बच्चों के साथ दिवाली पर्व सेलिब्रेट कर मुझे खुशी है.
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार कोविड से अनाथ हुए बच्चों की सार-सम्भाल पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है. उन्होंने बच्चों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए खूब पढ़ाई और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर घड़ी आपके साथ खड़ी है. जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं, सुख-दुःख का चक्र भी चलता रहता है. हमें फिर भी आगे बढ़ना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने होंगे. जादूगर कहलाने वाले गहलोत के दिवाली कार्यक्रम में बच्चों का मनोरंजन करने के लिए मैजिक शो भी हुआ.
मैजिशियन ने जादू के खेल दिखाए तो बच्चों के चेहरे खिल उठे. कार्यक्रम में बच्चों के लिए मैजिक शो के साथ ही संगीत, डांस, बैण्ड वादन और अन्य कई मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. सीएम ने भी बच्चों के साथ मनोरंजन का आनंद लिया और विभिन्न खेलों का लुत्फ उठाया. कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार ने अनाथ हुए बच्चों, विधवाओं और उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक संबल प्रदान करने के लिए संवेदनशीलता दर्शाते हुए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की घोषणा की थी. इसे 25 जून 2021 से सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किया गया.
योजना के अंतर्गत प्रत्येक अनाथ बालक-बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में एक लाख की एकमुश्त राशि और अन्य सहायता राशि दी गई. उनके 18 वर्ष की आयु होने पर 05 लाख रुपए की एकमुश्त सहायता राशि दी गई. योजना के अंतर्गत विधवा महिला को 01 लाख रुपए की तत्कालिक सहायता के साथ ही 1500 रुपए प्रति माह पेंशन भी दी जा रही है. इसी तरह विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 1000 रुपए प्रतिमाह और 2000 रुपए वार्षिक दिए जा रहे हैं.
कोविड-19 के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं और उनके बच्चों को आर्थिक सामाजिक और शिक्षा की दृष्टि से संम्बल देने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना 25 जून 2021 से संपूर्ण राज्य में लागू की. प्रत्येक बालक/बालिका को 1 लाख रुपए की तत्काल एकमुश्त सहायता दी गई. 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपए मासिक की सहायता दी गई. 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर 5 लाख रुपए की सहायता दी गई. अनाथ बच्चों को निःशुल्क सहायता/आवासीय विद्यालय/छात्रावास दी गई. कॉलेज छात्राओं को समाज कल्याण के छात्रावासों में प्रवेश में प्राथमिकता दी गई. कॉलेज जाने वाले छात्रों को आवास सुविधा हेतु अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ और मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ते में प्राथमिकता दी गई.
इस योजना के तहत विधवा महिलाओं को 1 लाख रुपए तत्काल सहायता के साथ 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी गई. विधवा के बच्चों को 18 वर्ष आयु तक 1000 रुपए प्रतिमाह और 2000 रुपए वार्षिक दी गई. इस योजना के तहत सरकारी ने अक्टूबर 2022 तक 231 अनाथ बच्चों को 2.99 करोड़ रुपए की सहायता दी. 8329 विधवाओं के बच्चों पर 8.62 करोड़ रुपए खर्च किए. 12601 विधवा महिलाओं पर 143.09 करोड़ रुपए खर्च किए. कोरोना सहायता योजना के तहत 1.55 करोड़ रुपए खर्च किए.
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