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Jodhpur Foundation Day: जोधपुर का 564वां स्थापना दिवस आज, जानिए राजस्थान के ब्लू सिटी के शानदार इतिहास के बारे में

जोधपुर
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Jodhpur News: राजस्थान (Rajsathan) का जोधपुर (Jodhpur) शहर आज यानि 12 मई को अपना 564वां स्थापना दिवस मना रहा. ये शहर जोधपुर के ऐतिहासिक रजवाड़े 'मारवाड़' की राजधानी भी हुआ करता था. जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों के जाना जाता है.इसके साथ ही विश्व पर्यटन के मानचित्र पर जोधपुर का नाम स्थित है. हर साल यहां लाखों की संख्या में देशी और विदेशी सैलानी आते हैं. राजशाही के दौर में जोधपुर एक बहुत बड़ी और ताकतवर रियासत मानी जाती थी. चलिए बताते हैं आज आपको जोधपुर की कुछ औऱ खास बातें.....
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जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस सहित कई बड़े होटल के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण जगह माना जाता है.जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में हॉलीवुड, बॉलीवुड सहित देश के नामी-गिरामी बिजनेसमैन डेस्टिनेशन वेडिंग और जन्मदिन की पार्टी के लिए पहुंचते हैं. अच्छी लोकेशन होने के चलते यहां पर कई बड़ी-बड़ी फिल्मों की शूटिंग भी चलती रहती है.
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जोधपुर को राजस्थान की न्यायिक राजधानी कहा जाता है. राजस्थान का उच्च न्यायालय भी जोधपुर में ही स्थित है. जोधपुर पूरे विश्व से जुड़ने के लिये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी मौजुद है. पूरे राजस्थान के प्रसिद्ध विभाग जैसे मौसम विभाग, नार्कोटिक विभाग सीबीआइ, कस्टम, वस्त्र मन्त्रालय आदि मौजूद है.
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ये शहर कई शैक्षणिक संस्थानों का घर भी है, जिनमें सबसे प्रमुख एम्स जोधपुर, आईआईटी जोधपुर, एसएनएमसी जोधपुर, डीएसआरआरएयू जोधपुर, एनएलयू जोधपुर, एनआईएफटी जोधपुर हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI ), शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI), डेजर्ट मेडिसिन रिसर्च सेंटर ( DMRC) जैसे कई शोध संस्थान भी शहर में भी स्थित हैं.
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जोधपुर आज राजस्थान राज्य और भारत का सबसे तेजी से उभरता, विकसित होता शहर है. जोधपुर ऐतिहासिक रूप से मारवाड़ राज्य की राजधानी था, जो अब राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा है. ये राजस्थान और पूरे भारत में लोगों के बीच ब्लू सिटी और सन सिटी के रूप में भी जाना जाता है. शहर को राजस्थान राज्य की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है.
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जोधपुर का पुराना शहर मेहरानगढ़ किले को घेरे हुए है और कई मुख्य रास्ते वाली एक दीवार से घिरा है. पुराने शहर के घर आमतौर पर नीले रंग से पेंट किए हुए मिलेंगे. इसकी एक वजह सांस्कृतिक या विरासत का रूप है और एक गर्मी से बचने के लिए घरों को ठंडा रखने के लिए भी ऐसा किया जाता है क्योंकि, ये पेंट चूने के मिश्रण से रंगा होता है. हालांकि, जोधपुर शहर अब बड़ा विस्तार ले चुका है. चारदिवारी से निकलकर अब शहर एक महानगर का रूप ले चुका है और विकास की और अग्रसर है.
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1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, राज्य संघ में विलय हो गया और जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया. हालांकि, विभाजन के समय जोधपुर के शासक हनवंत सिंह भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन आखिरकार, सरदार वल्लभभाई पटेल के काफी मनुहार और समझाइश के बाद जोधपुर राज्य को भारतीय गणतंत्र में शामिल किया गया था. बाद में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के बाद इसे राजस्थान राज्य के भीतर शामिल किया गया.
Published at : 12 May 2022 11:37 AM (IST)
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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