Jodhpur Ship House: राजस्थान के इस शहर में है जहाज नुमा तीन मंजिला ‘शिप हाउस’, जानिए इसका इतिहास
Ship House In Jodhpur: जोधपुर (Jodhpur) शहर में कई प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर हैं. लेकिन आज हम आपको जिस धरोहर के बारे में बताने जा रहे हैं वो अपने आप में खास है. हम बात कर रहे हैं जोधपुर शहर के पावटा के समीप शिप हाउस की. जिस देखने पर लगता है कि मानो पहाड़ी पर किसी ने तीन मंजिला जहाज रख दिया हो. हालांकि इसका कोई इतिहास कहीं पर भी दर्ज नहीं है लेकिन कुछ जानकारों के अनुसार इसका निर्माण महाराजा जसवंत सिंह के छोटे भाई तत्कालीन मारवाड़ राज्य के प्रधानमंत्री सर प्रताप ने 1886 में अपने निजी आवास के तौर पर करवाया था. चलिए बताते हैं आपको इससे जुड़ी कुछ और खास बातें.....
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View In Appइस अद्भुत इमारत को भले ही सर प्रताप ने बनवाया हो, लेकिन वो ज्यादा दिन तक यहां नहीं रहे. कहते हैं कि, स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्होंने अपने एक अंग्रेज मित्र की सलाह पर रातानाडा में एक बंगला बनवाया था और इसके पास एक पोलो ग्राउंड का विकास भी करवाया था.
रियासत काल के दौरान मारवाड़ के प्रधानमंत्री सर प्रताप ने आधुनिक तरीकों से शासन चलाया और अंग्रेज इंजीनियरों जसलीन स्मिथ और डब्लू होम्स की मदद से रेलवे लाइन नेहरू ट्राम और कचहरी भवन बंगलुरु का निर्माण करवाया था. सर प्रताप ने पानी के जहाज से आने-जाने की यात्राएं की थी. सन 1886 में महारानी विक्टोरिया के शासनकाल में 50 वर्ष पूर्ण होने पर लंदन में आयोजित गोल्डन जुबली समारोह में मारवाड़ राज्य के प्रतिनिधि के रूप में सर प्रताप पानी जहां से मुंबई से लंदन गए थे.
अपनी इन्हीं समुद्री यात्राओं से उन्होंने एक ऐसा घर बनाने के बारे में सोचा जो जहाज की तरह दिखता हो. इस हाउस को अंग्रेज इंजीनियर डब्ल्यू होम की देखरेख में बनाया गया. वहीं जब ये 3 मंजिला इमारत बनकर तैयार हुई तो मारवाड़ की जनता के लिए एक अजूबा हुआ करती थी.बता दें कि इस शिप हाउस में ही 25 जनवरी 1949 को जोधपुर ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन का शुभारंभ किया गया. यहां से महाराजा के निजी ट्रांसमीटर से कुछ मारवाड़ी गीत और भजन प्रसारित किए जाते थे. इसे उस समय नभवाणी केन्द्र कहा जाता था. ये राजस्थान का प्रथम ब्राडकास्टिंग स्टेशन था.
राज्य सरकार के आदेश के बाद 1 फरवरी 1950 को रेडियो का प्रसारण शिप हाऊस से बन्द कर दिया गया. एक यू ट्यूब चैनल के अनुसार जब यहां ब्राडकास्टिंग स्टेशन था तब मशहूर सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान संगीत विभाग के प्रमुख थे और मशहूर शायर रमजी इटावी उर्दू विभाग के प्रमुख थे. इस शिप हाउस पर कई फिल्मो की शूटिंग भी हुई है. वर्तमान में इश शिप हाउस के पास कई बस्ती और बहुमंजिला इमारतें बन चुकी हैं. जिसकी वजह से इस देखना मुश्किल हो गया है. बता दें कि ये शिप हाऊस कोई पर्यटक स्थल नहीं है बल्कि मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट जोधपुर की निजी सम्पदा है.
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