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In Pics: राजस्थान का वो गांव जो एक ही रात में वीरान हो गया, 200 साल बाद भी क्यों जाने से डरते हैं लोग ?
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कुलधरा का इतिहास
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![Kuldhara Village: राजस्थान (Rajasthan) की धरती ना सिर्फ अपने कठिन परिस्थितियों के लिए जानी जाती है बल्कि इस मिट्टी में कई ऐसी जगहें हैं जो ना सिर्फ लोगों को चौंका देती हैं बल्कि जिनके बारे में असलियत क्या है वो आज तक कोई भी पता नहीं लगा पाया. ऐसा ही कुछ है जैसलमेर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुलधरा (Kuldhara) का किस्सा. दरअसल ये गांव करीब दो सदियों पहले उजड़ चुका है लेकिन अभी भी इसे लेकर दिलचस्पी जरा भी कम नहीं हुई है. कुछ लोग इसे भूतिया बताते हैं तो कुछ इसे श्रापित गांव कहते हैं. आखिर क्यों होती हैं कुलधरा गांव के बारे में इतनी बातें आज आपको बताते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/c20dd74dc053958e53e3e7635922aa7716128.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Kuldhara Village: राजस्थान (Rajasthan) की धरती ना सिर्फ अपने कठिन परिस्थितियों के लिए जानी जाती है बल्कि इस मिट्टी में कई ऐसी जगहें हैं जो ना सिर्फ लोगों को चौंका देती हैं बल्कि जिनके बारे में असलियत क्या है वो आज तक कोई भी पता नहीं लगा पाया. ऐसा ही कुछ है जैसलमेर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुलधरा (Kuldhara) का किस्सा. दरअसल ये गांव करीब दो सदियों पहले उजड़ चुका है लेकिन अभी भी इसे लेकर दिलचस्पी जरा भी कम नहीं हुई है. कुछ लोग इसे भूतिया बताते हैं तो कुछ इसे श्रापित गांव कहते हैं. आखिर क्यों होती हैं कुलधरा गांव के बारे में इतनी बातें आज आपको बताते हैं.
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![इतिहास के पन्नों को पलटें तो कुलधरा को ब्राह्मणों ने बसाया था. ये लोग पाली इलाके से आए थे और कुलधरा में बस गए और इस गांव और उस दौर की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक बनाया था. इस गांव की इतिहास में समृद्धि कितनी होगी इसका अंदाजा आज भी उजड़े हुए घरों को देखकर लगाया जा सकता है. यहां बसने वाले पालीवाल ब्राह्मणों ने इस पूरे इलाके को ना सिर्फ बसाया था बल्कि एक अलग पहचान भी दिलाई थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/66fba2b9dc02598520f9298152c4877ac6029.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इतिहास के पन्नों को पलटें तो कुलधरा को ब्राह्मणों ने बसाया था. ये लोग पाली इलाके से आए थे और कुलधरा में बस गए और इस गांव और उस दौर की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक बनाया था. इस गांव की इतिहास में समृद्धि कितनी होगी इसका अंदाजा आज भी उजड़े हुए घरों को देखकर लगाया जा सकता है. यहां बसने वाले पालीवाल ब्राह्मणों ने इस पूरे इलाके को ना सिर्फ बसाया था बल्कि एक अलग पहचान भी दिलाई थी.
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![कहा जाता है कि 18वीं सदी की शुरुआत के किसी साल में इस गांव की किस्मत ही बदल गई. दरअसल उस वक्त की जैसलमेर रियासत का एक मंत्री सालिम सिंह कुलधरा से टैक्स की वसूली करता था. कहते हैं कि सालिम सिंह कुलधरा के ग्राम प्रधान की बेटी पर मोहित हो गया और उससे शादी के लिए गांव वालों को धमकी देना शुरू कर दिया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/b2f145d437acf3b155d4ab191a899bf96bc86.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहा जाता है कि 18वीं सदी की शुरुआत के किसी साल में इस गांव की किस्मत ही बदल गई. दरअसल उस वक्त की जैसलमेर रियासत का एक मंत्री सालिम सिंह कुलधरा से टैक्स की वसूली करता था. कहते हैं कि सालिम सिंह कुलधरा के ग्राम प्रधान की बेटी पर मोहित हो गया और उससे शादी के लिए गांव वालों को धमकी देना शुरू कर दिया.
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![इसके बाद अपने गांव की बेटी की इज्जत बचाने और जालिम मंत्री की ज्यादतियों से बचने के लिए पूरा का पूरा गांव ही रातोंरात इलाके को छोड़कर चला गया. कहा जाता है कि जाते वक्त गांववालों ने श्राप दिया था कि अब ये गांव फिर कभी नहीं बस पाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/1598b966281fdda6192e2ad490a96a415d617.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके बाद अपने गांव की बेटी की इज्जत बचाने और जालिम मंत्री की ज्यादतियों से बचने के लिए पूरा का पूरा गांव ही रातोंरात इलाके को छोड़कर चला गया. कहा जाता है कि जाते वक्त गांववालों ने श्राप दिया था कि अब ये गांव फिर कभी नहीं बस पाएगा.
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![कुलधरा गांव अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई के अधीन है. इसे संरक्षित स्थल घोषित किया गया है. मौजूदा हालात की बात करें तो गांव के ज्यादातर घर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं लेकिन अभी भी कुछ जगहें ऐसी हैं जो ठीकठाक हैं.हालांकि सरकार की तरफ से कुछ संरक्षण का काम यहां किया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/dedf6a3f33cc47b7e0e2edae9f122fbce8085.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कुलधरा गांव अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई के अधीन है. इसे संरक्षित स्थल घोषित किया गया है. मौजूदा हालात की बात करें तो गांव के ज्यादातर घर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं लेकिन अभी भी कुछ जगहें ऐसी हैं जो ठीकठाक हैं.हालांकि सरकार की तरफ से कुछ संरक्षण का काम यहां किया गया है.
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![वहीं पर्यटक के तौर पर अगर आप कुलधरा घूमना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे का वक्त मिलेगा. सूर्यास्त के बाद यहां एंट्री की मनाही है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/06/3d7faa09e23bdca61450c2f862f821a8f61bd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं पर्यटक के तौर पर अगर आप कुलधरा घूमना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे का वक्त मिलेगा. सूर्यास्त के बाद यहां एंट्री की मनाही है.
Published at : 06 Jun 2022 01:00 PM (IST)
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