Mehandipur Balaji Temple: घर नहीं लाया जाता है हनुमान जी के इस मंदिर का प्रसाद, जानिए- इसके पीछे की हैरान कर देने वाली वजह
Mehandipur Balaji Temple: हमारे देश में कई ऐसे मंदिर है जिनका इतिहास और कहानी बहुत ही रोचक है. लेकिन राजस्थान (Rajasthan) का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) सबसे अलग और अनोखा है. ये मंदिर कई रहस्यों से भरा हुआ है. इस मंदिर की खास बात ये हैं यहां पर हनुमान जी को बचपन के रूप में पूजा जाता है. वो कहावत तो सभी ने सुनी होगी कि, भूत-पिशाच निकट ना आवे, महावीर जब नाम सुनावे. इस मंदिर में ये कहावत कई बार सच होते हुए भी दिखाई दी है. यही वजह है कि, यहां ज्यादात्तर भक्त वो आते हैं. जो बुरी आत्माओं से पीड़ित होते हैं. चलिए आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं…..
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View In Appइस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने से भूत दूर भागते है और हनुमान दी भक्तों की हर इच्छा को पूरा करते हैं. वहीं शरीर से बुरी आत्मा को निकालने के लिए लोग मंदिर के बाहर रेलिंग पर खुद को बांध लेते हैं. इसके अलावा आप यहां के पंडितों को बालाजी की मूर्ति से निकलने वाले पवित्र जल का उपयोग कर भूत भगाते और मंत्रों का जाप करते हुए देख सकते हैं.
इन सभी चीजों की वजह से ही इस मंदिर में कई कड़े नियम भी बनाए गए है. अगर आप इस मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो आपको एक हफ्ते के लिए वेजिटेरियन भोजन खाना होगा.
इसके साथ ही आप मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को खाना, वापस लाना या उसे बांट नहीं सकते. आपको उस प्रसाद को वहीं फेंककर और बिना पीछे देखे आपको उससे दूर जाना होता है.
वहीं हनुमान जी के दर्शन के बाद भक्त यहां भैरव बाबा के दर्शन करते हैं. बता दें कि भैरव बाबा को कोतवाल कप्तान या श्री प्रेतराज सरकार के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी पर बैन है. मंदिर में शनिवार और मंगलवार के दिन काफी भीड़ देखने को मिलती है.
ये प्रसिद्ध मंदिर दो जिलों करौली और दौसा की सीमा पर बना हुआ है. जो जयपुर से सिर्फ 109 किमी और दिल्ली से करीब 300 किमी की दूरी पर है.
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