In Pics: माउंट आबू की पहाड़ियों पर टहलते दिखा लेपर्ड, जोधपुर में भी कई बार आया नजर, देखें तस्वीरें
राजस्थान के माउंट आबू, जवाई बांध के आसपास के क्षेत्र में लेपर्ड की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. साथ ही जगलों में अतिक्रमण भी बढ़ रहा है, जिसके चलते जंगली जानवरों पर लगातार संकट मंडरा रहा है. ऐसे में जंगली जानवर खाने-पीने की तलाश में आबादी क्षेत्र में निकल रहे हैं. इसी के चलते जोधपुर के पहाड़ी क्षेत्र सहित अन्य कई जगह पर लेपर्ड नजर आ रहे हैं.
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View In Appवन विभाग की टीम में भी लगातार लेपर्ड की तलाश में अलर्ट मोड पर नजर आ रही है. हालांकि, अभी तक लेपर्ड ने किसी भी तरह से इंसानों पर हमला नहीं किया है. जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे इंसानों का दखल जंगल में बढ़ रहा है. इस वजह से जंगली जानवरों की चहल कदमी का क्षेत्र कम हो रहा है. इसके चलते जानवर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं.
डॉक्टर सरवन सिंह राठौड़ ने बताया कि लेपर्ड को जंगलों में शिकार नहीं मिलने और वन्य क्षेत्र कम होने के कारण चहल कदमी करने में दिक्कत आती है. वहीं अब आबादी क्षेत्र में हरियाली बढ़ रही है, जिसके चलते उन्हें आराम से शिकार भी मिल जाता है. उनका मानना है कि आबादी में जैसे-जैसे हरियाली बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई तरह के जंगली जानवर भी बढ़ रहे हैं.
सरवन सिंह राठौड़ ने कहा कि रोजड़ा, सूअर, कुत्ते, हिरन और खरगोश जैसे जानवरों के शिकार के लिए लेपर्ड आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. बता दें जवाई बांध, सिरोही, माउंट आबू के जंगली क्षेत्र सहित जोधपुर के आसपास के पहाड़ी क्षेत्र में कई बार लेपर्ड को देखा गया है. पिछले 50 दिनों से जोधपुर में कई बार लेपर्ड को देखा गया है.
वन विभाग की टीम लगातार लेपर्ड का रेस्क्यू करने का प्रयास कर रही है. हालांकिं 50 दिनों के भीतर लेपर्ड ने किसी भी इंसान पर हमला नहीं किया है. इस बीच सोशल मीडिया पर लेपर्ड का फोटो और वीडियो भी चर्चा का विषय बना हुआ है. लोगों में लेपर्ड को लेकर खौफ नजर आ रहा है. हालांकि, लेपर्ड पहाड़ी क्षेत्र में देखे गए हैं.
वन विभाग के अधिकारियों को कहना है कि पथरीले चट्टानों के बीच लेपर्ड ने अपना कोई सुरक्षित ठिकाना बना लिया है, जहां पर खाना और पानी दोनों मौजूद है. हालांकि अब तक किसी भी तरह से इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन वन विभाग की टीम जल्द ही लेपर्ड का रेस्क्यू करेंगी.
जानकारों का मानना है कि सैकड़ों साल पहले लेपर्ड की आबादी जोधपुर के आसपास के पहाड़ी क्षेत्र में हुआ करती थी. धीरे-धीरे लेपर्ड की तादाद कम हुई और उनके दायरे भी सीमित हो गए ते, लेकिन अब धीरे-धीरे लेपर्ड की आबादी बढ़ रही है.
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